टाटा ग्रुप द्वारा बिगबास्केट में हिस्सेदारी की खरीद को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने मंजूरी दे दी है। इस मंजूरी के बाद अब बिग बास्केट में टाटा डिजिटल की करीब 65 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने का रास्ता भी साफ हो गया है।
बहरहाल, टाटा ग्रुप के इस कदम से रिटेल मार्केट में बड़ी प्रतिस्पर्धा होने की उम्मीद की जा रही है। इस अधिग्रहण से टाटा डिजिटल का ई-ग्रॉसरी मार्केट में अमेजन, फ्लिपकार्ट, जियोमार्ट, ग्रोफर्स से कड़ी टक्कर होगी। सबसे ज्यादा मुकेश अंबानी की रिलायंस रिटेल को चुनौती मिलने की उम्मीद है। आपको बता दें कि टाटा डिजिटल की बिग बास्केट में दिलचस्पी सबसे पहले अक्टूबर 2020 में सामने आई थी।
ये डील 9 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की है। इकोनॉमिक्स टाइम्स की खबर के मुताबिक इस डील के पूरा हो जाने के बाद बिग बास्केट की योजना साल 2022-23 में शेयर बाजार में लिस्ट कराने की भी है। (ये पढ़ें-इस कंपनी को हो गया 500 करोड़ का बड़ा नुकसान, मुकेश अंबानी ने लगाया है दांव)
सुपर ऐप की भी लॉन्चिंग: टाटा समूह अपने विभिन्न कंज्यूमर बिजनेसेज को एक साथ लाते हुए एक ओम्नीचैनल डिजिटल प्लेटफॉर्म लॉन्च करने की भी योजना बना रहा है। इस प्लेटफॉर्म का नाम सुपर ऐप होगा। हालांकि, सुपरऐप रेस में अन्य प्रमुख खिलाड़ी मुकेश अंबानी की रिलायंस है। रिलायंस ने पिछले साल Jio ऐप लॉन्च करने के साथ ही ई-किराना बाजार में कदम रखा था। इसके अलावा ऑनलाइन फॉर्म नेटमेड्स का भी अधिग्रहण किया था।
बहरहाल, टाटा के नए सुपरऐप में टाटा ग्रुप की सारी सर्विस मौजूद होंगी। हालांकि, टाटा समूह के सुपरऐप की लॉन्चिंग कई बार टल चुकी है। पहले टाटा का सुपरऐप दिसंबर 2020 तक लॉन्च होने वाला था।
उसके बाद इसे मार्च 2021 की शुरुआत में लॉन्च करने का फैसला किया गया। अब माना जान रहा है कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही तक इसे लॉन्च किया जा सकता है।
टाटा डिजिटल-बिग बास्केट: आपको बता दें कि टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड के पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी कंपनी है। टाटा डिजिटल लिमिटेड का पूरी तरह मालिकाना हक टाटा संस के पास है। वहीं, बिग बास्केट की बात करें तो इस वक्त भारत के 2 दर्जन से ज्यादा शहरों में बिजनेस कर रही है। इसके मौजूदा निवेशकों में अलीबाबा और एक्टिस शामिल हैं। अलीबाबा और एक्टिस की बिगबास्केट में क्रमश: 30 और 17 फीसदी हिस्सेदारी है।