देश को सॉल्ट से लेकर सॉफ्टवेयर तक उपलब्ध कराने वाले जाने माने उद्योगपति रतन टाटा नए प्रयोगों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने लोगों की कार के सपने को पूरा करने के लिए लखटकिया कार नैनो लॉन्च कर दिया।

देश को पहली स्वदेशी कार देने का श्रेय भी रतन टाटा को ही जाता है। देश की पहली पूरी तरह से स्वदेश में निर्मित कार टाटा मोटर्स की इंडिका है। लेकिन क्या आपको पता है कि इस कार के चक्कर में रतन टाटा से उनके दोस्तों ने दूरी बना ली। रतन टाटा ने एक समारोह में बताया था कि उनके इस प्रयोग से दोस्त इत्तेफाक नहीं रखते थे। यही वजह है कि उन्होंने रतन टाटा से दूरी बना ली।

रतन टाटा के दोस्तों को लगता था कि उनका यह प्रयोग नाकाम हो जाएगा। रतन टाटा के मुताबिक जब इंडिका की लॉन्चिंग हो रही थी, तो वह खुद को अकेला महसूस कर रहे थे। रतन टाटा के मुताबिक ऑटोमोबाइल सबसे ज्यादा मजेदार बिजनेस है। रतन टाटा कहते हैं कि जब मैं कुछ अलग करने की कोशिश कर रहा था तब हर किसी को लगता था कि ये नहीं हो सकता। लेकिन मैंने उनकी सोच को गलत साबित किया।

इंडिका को मिली जबरदस्त सफलताः टाटा इंडिका कार पूरी तरह भारत में बनी थी। यहां तक कि कार में इस्तेमाल होने वाले कलपुर्जे भी भारत में ही बने थे। आपको बता दें कि वर्ष 1998 में टाटा मोटर्स ने इंडिका बनाई थी। इसके अगले साल ही कार की भारत में लॉन्चिंग हुई। इंडिका बाजार में आई औऱ इसे जबरदस्त सफलता मिली।

टाटा इंडिका को हमेशा पर्सनल कार स्पेस में भारत के एंट्री के तौर पर जाना जाएगा। इसका प्रोडक्शन 2018 में बंद कर दिया गया। सियाम के मुताबिक वित्त वर्ष 2018 में कंपनी ने इंडिका की 2,583 यूनिट्स बेची।