रतन टाटा के करीबी और भरोसेमंद सहयोगी शांतनु नायडू (Shantanu Naidu) ने हाल ही में इंस्टाग्राम पर एक मिस्ट्री वुमेन की 6 तस्वीरें शेयर कीं। इन तस्वीरों के साथ, उन्होंने एक टूटे हुए दिल और नजर ताबीज वाला इमोजी भी शेयर किया। सभी तस्वीरों में, युवती का चेहरा जानबूझकर छिपा हुआ है, जिससे पता चलता है कि वह उसे लोगों की नजरों से बचाना चाहते हैं।
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शांतनु नायडू ने इंस्टाग्राम पर शेयर की तस्वीरें
शांतनु नायडू ने इंस्टाग्राम पर तस्वीरें शेयर करते हुए लिखा, ‘हमारी आत्माएं मिलीं नहीं, उन्हें याद रहीं।’ एक तस्वीर में, शांतनु अपनी प्रेमिका के साथ सेल्फी ले रहे हैं। एक और तस्वीर बीरा 91 में ली गई थी, जहां यह जोड़ा एकाग्र और आनंदित नजर आ रहा है क्योंकि दोनों एक वेंडिंग मशीन जैसी दिखने वाली चीज को देख रहे हैं।
एक और तस्वीर में वे एक प्लेटफॉर्म पर खड़े हैं, बातचीत में मग्न हैं, जबकि एक ट्रेन तेजी से उनके पास से गुजर रही है। वही, चौथी तस्वीर में वे लंदन के नेशनल गैलरी में फव्वारे की पृष्ठभूमि में बैठे हुए दिखाई दे रहे हैं। कैरोसेल की पांचवीं तस्वीर में वे एक-दूसरे को देखते हुए एक रेस्टोरेंट में तस्वीर खिंचवाते हुए दिखाई दे रहे हैं।
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यूजर्स ने दी अलग-अलग प्रतिक्रिया
एक इंस्टाग्राम यूजर ने कहा, ‘बताओ ये AI है।’ इस पर उसने तीन दिल वाले इमोजी के साथ जवाब दिया, ‘नहीं’। एक और यूजर ने लिखा, ‘ये बहुत प्यारी तस्वीरें हैं।’ वही, एक अन्य यूजर ने कमेंट किया, ‘दिल लाखों टुकड़ों में बिखर गया है।’ वही, एक अन्य यूजर ने लिखा, ‘तुम दोनों साथ में बहुत खूबसूरत लग रहे हो।’ कई लोगों ने पोस्ट के कमेंट सेक्शन में आकर कहा कि तस्वीरें देखकर उनका “दिल टूट गया है”।
कैसे हुई थी रतन टाटा से शांतनु नायडू की दोस्ती?
दिवंगत उद्योगपति रतन टाटा को दुनिया छोड़े अब लगभग एक वर्ष होने वाला है। उनका निधन पिछले वर्ष 9 अक्टूबर को हो गया था। उनका जाना उद्योग जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति रही है। रतन टाटा से शांतनु की मुलाकात साल 2014 जानवरों के प्रति प्रेम के वजह से हुई।
दरअसल, रतन टाटा को डॉग से काफी अधिक लगाव था और उन दिनों शांतनु एक्सीडेंट से बेसहारा कुत्तों को बचाने के लिए कुत्तों के गले में रिफ्लेक्टिव कॉलर बनाकर लगवाते थे। जिससे सड़कों पर गाड़ी चलाते हुए ड्राइवर को यह कॉलर दिख जाता था और वह गाड़ी रोक देते थे। शांतनु का यह आइडिया रतन टाटा को काफी पसंद आया। जिसके बाद वे काफी अच्छे दोस्त बन गए।