राजधानी में आयोजित रामनाथ गोयनका लेक्‍चर सीरीज के उद्घाटन में शनिवार को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि बड़े पैमाने पर कर्ज माफी वर्तमान आर्थिक परिदृश्‍य में बेहद मुश्‍क‍िल है। राजन ने यह भी कहा कि हम कर्जदाताओं और कर्ज लेने वालों को एक चश्‍मे से नहीं देख सकते। राजन ने कहा, ”अगर हम बैड लोन से जुड़े हर मामले की जांच शुरू कर दें तो मुझे लगता है कि इससे इंडस्‍ट्री खत्‍म हो जाएगी।”

बता दें कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने कर्ज राइट-ऑफ के मामले में आरबीआई को नोटिस जारी करके 500 करोड़ रुपए से ज्यादा के डिफॉल्टर की जानकारी मांगी थी। विजय माल्‍या का मामला भी फिलहाल तूल पकड़ रहा है, जिन पर करीब 9 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है और बैंक उनसे ये बकाया वसूलने में नाकाम रहे हैं। 9 फरवरी को द इंडियन एक्‍सप्रेस की खबर में यह खुलासा हुआ था कि मार्च 2012 में खत्‍म होने वाले वित्‍त वर्ष में 15551 करोड़ रुपए का बैड लोन था जो मार्च 2015 में बढ़कर 52542 करोड़ रुपए हो गया। यह जानकारी आरबीआई ने एक आरटीआई के जवाब में दी थी।