उद्योगपति राजीव बजाज ने शुक्रवार को उद्योग में दोहरे अंकों की नकारात्मक वृद्धि दर और रोजगार खत्म होने के पीछे सरकार की नोटबंदी को जिम्मेदार ठहराया। दोपहिया और तिपहिया वाहनों की प्रमुख कंपनी बजाज ऑटो के प्रबंध निदेशक राजीव ने एनडीटीवी प्रॉफिट के साथ एक साक्षात्कार में कहा नोटबंदी को लेकर बजाज ऑटो का अनुभव उद्योग जगत से अलग नहीं रहा है। उन्होंने कहा नोटबंदी  हमें बुरी तरह प्रभावित किया चाहे यह मोटरसाइकिल उद्योग हो या तिपहिया उद्योग। खास तौर से तिपहिया उद्योग को जो नकदी पर निर्भर है। उन्होंने कहा विशुद्ध रूप से नोटबंदी के कारण सीधे तौर पर उद्योग में दोहरे अंकों की नकारात्मक वृद्धि दर हुई। मैं व्यक्तिगत तौर चकित हूं कि पर्याप्त संख्या में लोग इसके खिलाफ खड़े नहीं हुए।

बजाज ने नोटबंदी को नकरात्मक वृद्धि के अतिरिक्त रोजगार खत्म होने के लिए भी जिम्मेदार ठहराया। बजाज ने कहा, ‘मेरे एक बड़े आपूर्तिकर्ता जो कि बजाज और यामहा व होंडा जैसी दूसरी कंपनियों को भी आपूर्ति करता है ने मुझसे दिसंबर में कहा कि उसके उपभोक्तओं के बीच मांग घटने के परिणामस्वरूप लगभग 3000 श्रमिकों की छुट्टी देनी पड़ी।’ बजाज ने गुरुवार को यहां आयोजित वार्षिक नैसकॉम नेतृत्व फोरम में कहा था यदि नोटबंदी का कदम कारगर नहीं होता है तो इसके लिए क्रियान्वयन को दोष मत दीजिए। मुझे लगता है कि नोटबंदी का विचार ही गलत है।

उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर, 2016 को 500 रुपये और 1,000 रुपये के नोट अमान्य किए जाने की घोषणा की थी। इन दोनों नोटों की जगह 500 रुपये और 2,000 रपये के नए नोट जारी किए गए हैं। बता दें कि प्रधानमंत्री के नोटबंदी के फैसले की विपक्षी दलों ने कड़ी आलोचना की थी। इस कारण संसद का शीत सत्र भी धुल गया था। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और प.बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने जन्तर-मन्तर पर विरोध रैली भी निकाली थी। वहीं एटीएम और बैंकों की लाइन में लगने के दौरान कई लोगों की मौत हो गई थी।