Railway Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को लोकसभा में देश का बजट 2025 पेश करेंगी। यूनियन बजट 2025 में सभी की निगाहें रेलवे सेक्टर पर रहेंगी। उम्मीद की जा रही है कि साल 2025 के लिए आने वाले बजट में भारतीय रेलवे नेटवर्क के आधुनिकीकरण, पैसेंजर सर्विसेज को बेहतर करने और देशभर में कनेक्टिविटी बढ़ाने पर जोर रहेगा। सुरक्षा, स्थिरता और एडवांस्ड टेक्नोलॉजी की शुरुआत पर जोर देने के साथ, सरकार का लक्ष्य लाखों यात्रियों और माल ट्रांसपोर्टर्स के लिए समूचे रेलवे एक्सपीरियंस को बढ़ाना है। इसके अलावा बजट में हाई-स्पीड ट्रेनों, नए रूट्स, स्टेशन अपग्रेड और कार्बन एमिशन कम करने के लिए पर्यावरण से जुड़े एहतियातन कदम उठाए जाने की उम्मीद है।
आने वाले रेल बजट से लोगों को क्या उम्मीदें:
Artificial Intelligence के ज्यादा इस्तेमाल पर जोर
भारतीय रेलवे द्वारा टेक्नोलॉजी सेक्टर में निवेश बढ़ाए जाने की उम्मीद है। रेलवे का इरादा अपने सिस्टम्स और प्रक्रिया को बेहतर करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर जोर देने की है। फिलहाल रेलवे द्वारा एफिशिएंसी को बढ़ाने के इरादे से पूर्वानुमान विश्लेषण के लिए AI का इस्तेमाल किया जा रहा है। जैसे किन सीट की उपलब्धता और टिकट कन्फर्मेशन की दर को बेहतर करने के लिए AI मॉडल्स डेटा का विश्लेषण कर रहे हैं। इसके अलावा, सुरक्षित और अधिक विश्वसनीय परिचालन सुनिश्चित करने के लिए पटरियों और ट्रेनों की स्थिति की निगरानी के लिए एआई-संचालित पूर्वानुमानित रखरखाव को लागू किया जा रहा है।
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हाल ही में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने Linen Inspection and Sorting Assistant (LISA) को लॉन्च किया था। इस AI बेस्ड सिस्टम को ट्रेनों में इस्तेमाल होने वाली चादरों की क्वॉलिटी चेक के दौरान दाग-धब्बे वाली लिनेने को अपने आप पहचानने व अलग करने के इरादे से डिजाइन किया गया है।
रोलिंग स्टॉक (Rolling Stock)
भारतीय रेलवे ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में के रेलवे बजट में से 54,113 करोड़ रुपये रोलिंग स्टॉक के लिए अलॉट किया। वित्ती वर्ष 2023-24 की तुलना में यह 156 करोड़ रुपये ज्यादा है। बता दें कि Rolling Stock का मतलब ट्रेन सर्विसेज और ट्रैक मेन्टनेंस के लिए इस्तेमाल होने वाले अलग-अलग तरह के वाहनों से है। रोलिंग स्टॉक में पैसेंजर कैरिजेज, लोकोमोटिव्स, फ्रीट वैगन्स और दूसरे स्पेशलाइज्ड व्हीकल्स शामिल रहते हैं। बजट 2025 रोलिंग स्टॉक को मिलने वाले बजट का बड़ा हिस्सा मिलने की उम्मीद है क्योंकि फिलहाल रेलवे का फोकस आधुनिकीकरण और रेलवे नेटवर्क के विस्तार पर है।
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LHB कोच का निर्माण
भारतीय रेलवे पिछले कुछ समय से बड़े स्तर पर पुराने ICF कोच को Linke-Hofmann-Busch (LHB) कोच के साथ रिप्लेस कर रही है। साल 2018 से रेलवे एक्सक्लूसिव तौर पर LHB कोच बना रहा है। हालांकि, 2023-24 में इन कोचों के निर्माण का लक्ष्य पूरा नहीं हुआ। और अभी तक 2024-25 में भी मैन्युफैक्चरिंग को लेकर कोई अपडेट नहीं है। बेहतर सेफ्टी औैर सुविधाजनक फीचर्स के चलते LHB कोच की अतिरिक्त डिमांड बढ़ी है। इसलिए उम्मीद की जा रही है कि यूनियन बजट 2025-26 के लिए सरकार बजट में LHB कोच की मैन्युफैक्चरिंग पर फोकस कर सकती है।
मॉडर्न लोकोमोटिव्स
पावर जेनरेशन और कैपेसिटी के लिए आधुनिक लोकोमोटिव्स जैसे WAG-12 में निवेश बहुत ज्यादा जरूरी हो गया है। Wikipedia पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, 2018 से 2028 के बीच लोकोमोटिव्स के डिलीवरी शेड्यूल को लेकर जानकारी दी गई है। इसके मुताबिक, 2018 में पहले लोकोमोटिव को सर्विस में एंटर करना था। 2019 तक कुल 5 लोकोमोटिव डिलीवर हुए। साल 2020 में कुल 35 अतिरिक्त लोकोमोटिव एसेंबली हुई। 2021 में यह आंकड़ा 60 और 2022 से यह 100 प्रतिवर्ष था। कुल 800 लोकोमोटिव्स की डिलीवरी पूरी होनी है। सरकार की प्राथमिकता आने वाले सालों में रेलवे की क्षमता को बढ़ाना और इसलिए बजट एलोकेशन इसका अहम हिस्सा बनने जा रहा है।
शुरुआती विश्लेषण से पता चलता है कि बजट 2025 में रेल बजट में एक बड़ा हिस्सा नई अमृत भारत ट्रेनों, स्टेशनों जैसे कामों के लिए मिल सकता है। CRISIL की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय रेलवे अगले दो दशकों में 1 लाख किलोमीटर के नए रेलवे ट्रैक बिछाने, 44,000 किलोमीटर के दायरे में 5 सालों में कवच सेफ्टी सिस्टम (Kavach Safety System) लागू करने और इस टेक्नोलॉजी के साथ 50,000 लोकोमोटिव्स लगाने व तीन सालों में 400 नई वंदे भारत ट्रेनों को प्रोड्यूस करने की योजना बना रही है।