उपनगरीय (लोकल) ट्रेनों या ट्रेनों के जनरल क्लास में सफर करने के लिए यात्रियों को अनारक्षित टिकट लेना जरूरी होता है। ये टिकट ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से बुक किए जा सकते हैं। अब भारतीय रेलवे की ऑनलाइन सुविधा से यात्रियों को टिकट लेने में आसानी हुई है और स्टेशन की भीड़ से राहत मिलती है। हालांकि, ऑनलाइन (पेपरलेस) अनारक्षित टिकट पर यात्रा करते समय कुछ जरूरी दस्तावेज साथ रखना अनिवार्य होता है, वरना परेशानी हो सकती है।

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अनारक्षित टिकट बुकिंग

ऑफलाइन बुकिंग के लिए, यात्रियों को रेलवे स्टेशनों पर PRS काउंटर या यात्री सुविधा केंद्रों पर जाना होगा, जो भीड़भाड़ वाले समय में अलग-अलग स्टेशनों पर बनाए जाते हैं। ऑनलाइन बुकिंग के लिए, अनारक्षित टिकट UTS और RailOne मोबाइल एप्लिकेशन के जरिए खरीदे जा सकते हैं।

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भारतीय रेलवे अनारक्षित टिकट बुकिंग नियम

राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर ने शुक्रवार को साफ किया कि जो यात्री फिजिकल अनारक्षित टिकट बुक करते हैं, चाहे ऑनलाइन या ऑफलाइन, उन्हें यात्रा के दौरान फिजिकल टिकट साथ रखना होगा। हालांकि, बिना प्रिंटेड कॉपी (पेपरलेस) के ऑनलाइन बुक किए गए डिजिटल अनारक्षित टिकटों के लिए, यात्री वेरिफिकेशन के लिए बुकिंग के लिए इस्तेमाल किए गए उसी मोबाइल डिवाइस पर टिकट दिखा सकते हैं।

रेलवे ने एक बयान में कहा, ‘फिलहाल जिस भी व्यक्ति ने ऑनलाइन/ऑफलाइन फिजिकल अनारक्षित टिकट लिया है, उसे यात्रा के दौरान उसे साथ रखना होगा। हालांकि, ऑनलाइन बुक किए गए डिजिटल अनारक्षित टिकटों के मामले में, जिनका कोई फिजिकल प्रिंट नहीं लिया गया है, यात्री वेरिफिकेशन के लिए उसी मोबाइल में डिजिटल टिकट दिखा सकते हैं जिससे इसे बुक किया गया था।’

फर्जी यूजर आईडी

रेल मंत्रालय ने ट्रेन टिकट बुकिंग को आसान और बिना किसी रुकावट के सुनिश्चित करने के लिए फर्जी यूजर आईडी पर लगाम लगाने के लिए कई कदम उठाए हैं। इस पहल का मकसद टिकटिंग सिस्टम में सुधार करना है ताकि सभी यात्री असली और वेरिफाइड यूजर आईडी का इस्तेमाल करके आसानी से टिकट बुक कर सकें।