दलहन की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के सरकार द्वारा किए गए उपायों के बावजूद सीमित स्टॉक होने के बीच फुटकर मांग बढ़ने के कारण स्टॉकिस्टों की सटोरिया लिवाली से बीते सप्ताह दिल्ली के थोक दाल दलहन बाजार में चने की अगुवाई में चुनिंदा दलहनों की कीमतों में मजबूती का रुख रहा। बाजार सूत्रों ने कहा कि बाजार में दलहन के स्टॉक की कमी के कारण स्टॉकिस्टों की सटोरिया लिवाली तथा फुटकर मांग में आई तेजी के कारण मुख्यत: थोक दलहन बाजार में चने और अन्य दलहनों की कीमतों में तेजी आई।
सरकार ने खुदरा बाजार में दलहन कीमतों में तेजी के बीच बाजार में हस्तक्षेप करने के मकसद से दलहन का अधिकतम स्टॉक रखने की सीमा को 1.5 लाख टन से बढ़ाकर आठ लाख टन करने का फैसला किया है। सरकार घरेलू बाजार में दलहन की आपूर्ति को बढ़ाने के लिए इसका आयात भी कर रही है। सरकार ने बफर स्टॉक बनाने के लिए अभी तक किसानों से 1.19 लाख टन दलहनों की खरीद की है तथा उसने कीमतों को नरम करने के मकसद से 46,000 टन दलहन का आयात करने के लिए भी अनुबंध किया है।
केन्द्र सरकार अब बफर स्टॉक से दलहनों का उठान करने की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए राज्य सरकारों को कहेगी और उन्हें निर्देश देगी कि इन दलहनों की खुदरा बिक्री 120 रुपए प्रति किलो से अधिक की कीमत पर न करना सुनिश्चित किया जाए। दलहन की आसमान छूती कीमतों से उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए केन्द्र ने गुरुवार (7 जुलाई) को राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी महासंघ (एनसीसीएफ) को राष्ट्रीय राजधानी में चने की बिक्री 60 रुपए प्रति किलो की सस्ती दर पर करने का निर्देश दिया है। एनसीसीएफ पहले से ही मदर डेयरी और केन्द्रीय भंडार में 120 रुपए प्रति किलो की रियायती दर पर तुअर और उड़द दाल की बिक्री कर रहा है।
सरकार ने घरेलू आपूर्ति को बढ़ाने और बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए आने वाले दिनों में 7,500 टन चना और मसूर दाल का आयात करने का फैसला किया है। राष्ट्रीय राजधानी में चना, चना दाल स्थानीय और बेहतरीन क्वालिटी की कीमतें तेजी के साथ क्रमश: 7,600-8,100 रुपए, 7,900-8,200 रुपए और 8,300-8,400 रुपए प्रति क्विंटल हो गईं, जो पिछले सप्ताहांत क्रमश: 6,900-7,400 रुपए, 7,200-7,500 रुपए और 7,600-7,700 रुपए प्रति क्विंटल पर बंद हुई थीं।
काबुली चना छोटी किस्म की कीमतें भी 200 रुपए की तेजी के साथ 8,200-9,500 रुपए प्रति क्विंटल पर बंद हुई। चना कीमतों के अनुरूप बेसन शक्तिभोग और राजधानी की कीमत तेजी के साथ क्रमश: 3,350-3,350 रुपए हो गई जो पहले 3,120-3,120 रुपये प्रति 35 किग्रा का बैग थी। उड़द और इसके दाल छिलका स्थानीय की कीमतें भी 400-400 रुपए की तेजी के साथ क्रमश: 10,800-12,300 रुपए और 11,100-12,200 रुपए प्रति क्विंटल हो गई। इसके दाल बेहतरीन क्वालिटी और धोया किस्मों की कीमतें भी समान अंतर की तेजी के साथ क्रमश: 11,200 -11,700 रुपए और 11,600-11,900 रुपए प्रति क्विंटल हो गई।
अरहर और इसकी दाल दड़ा किस्म की कीमत तेजी के साथ क्रमश: 9,150 रुपए और 12,000-13,700 रुपए प्रति क्विंटल हो गई जो पिछले सप्ताहांत 8,900 रुपए और 11,700-13,400 रुपए प्रति क्विंटल पर बंद हुई थी। मसूर छोटी और बोल्ड किस्म की कीमतें 100-100 रुपए की तेजी के साथ क्रमश: 6,050-6,350 रुपए और 6,100-6,400 रुपए प्रति क्विंटल हो गई। इसकी दाल स्थानीय और बेहतरीन क्वालिटी की कीमतें समान अंतर की तेजी के साथ क्रमश: 6,600-7,100 रुपए और 6,700-7,200 रुपए प्रति क्विंटल हो गई। मलका स्थानीय और बेहतरीन क्वालिटी की कीमत 100-100 रुपए की तेजी के साथ क्रमश: 7,100-7,400 रुपए और 7,200-7,500 रुपए प्रति क्विंटल पर बंद हुई।
मजबूती के आम रुख के अनुरूप मटर सफेद और हरी की कीमतें भी 200-200 रुपए की तेजी के साथ क्रमश: 3,600-3,625 रुपए और 3,800-3,900 रुपए प्रति क्विंटल पर बंद हुई। हालांकि मूंग, इसके दाल छिलका स्थानीय की कीमतें सीमित सौदों के बीच सीमित दायरे में घूमने के बाद क्रमश: 6,100-6,700 रुपए और 6,650-7,050 रुपए प्रति क्विंटल पर बंद हुई। इसके दाल धोया स्थानीय और बेहतरीन क्वालिटी की कीमत क्रमश: 7,050-7,550 रुपए और 7,550-7,750 रुपए प्रति क्विंटल पर बंद हुई। मोठ की कीमत 5,500 -5,900 रुपए प्रति क्विंटल पर अपरिवर्तित रही।