सुप्रीम कोर्ट विजय माल्या के देश छोड़ने पर रोक लगाने की17 बैंकों के कंसोर्टियम की याचिका पर सुनवाई के लिए राजी हो गया है। सार्वजनिक क्षेत्रों के 17 बैंकों के कंसोर्टियम ने याचिका में विजय माल्या के भारत छोड़ने से रोकने के लिए निर्देश जारी करने की मांग की है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की ओर से पेश होते हुए अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने जब इस मामले की जल्द से जल्द सुनवाई करने की अपील की तो प्रधान न्यायाधीश टी एस ठाकुर और न्यायमूर्ति यू यू ललित की पीठ ने कहा, ‘कल का दिन सुनवाई के लिए रखा जाए।’
रोहतगी ने कहा कि यह याचिका भारतीय स्टेट बैंक समेत 17 बैंकों ने माल्या के खिलाफ दायर की है जिनकी विभिन्न कंपनियों ने उनसे कर्ज लिया है। उन्होंने यह भी कहा कि इन कंपनियों पर हजारों करोड़ रुपये बकाया हैं। इससे पहले सोमवार को डेब्ट रिकवरी ट्रिब्यूनल ने विजय माल्या के डियाजिओ से मिलने वाले पैसे निकालने पर रोक लगा दी थी। पिछले दिनों डियाजिओ ग्रुप ने विजय माल्या को यूबी ग्रुप प्रमोटर पद से बाहर होने के लिए 500 करोड़ रुपये देने की डील की थी। माल्या ने यूनाइटेड ब्रेवरिज को डियाजिओ ग्रुप को बेच दिया था। माल्या की कंपनियों पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के करीब 7000 करोड़ रुपये बकाया है।
वहीं प्रवर्तन निदेशालय ने भी सोमवार को विजय माल्या पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया। इसमें विजय माल्या और अन्य लोगों पर आईडीबीआई बैंक के 900 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े का आरोप है। यह मामला किंगफिशर एयरलाइंस से भी जुड़ा हुआ है। किंगफिशर एयरलाइंस का संचालन अक्टूबर 2012 के बाद से बंद है।