राफेल फाइटर जेट खरीद सौदे में विपक्षी दल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अनिल अंबानी को आर्थिक तौर पर फायदा पहुंचाने का आरोप लरा रहा है। लेकिन, ‘फोर्ब्स’ की ओर से जारी आंकड़ों पर भरोसा करें तो स्थिति इसके ठीक उलट है। नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद से अनिल अंबानी की संपत्ति में लगातार कमी दर्ज की गई है। वर्ष 2015 की तुलना में उनकी संपत्ति आधे से भी कम हो चुकी है। फोर्ब्स की ओर से वर्ष 2015 में दुनियाभर के 500 रइसों की जारी सूची में अनिल अंबानी 4 अरब डॉलर (28,466 करोड़ रुपए) की संपत्ति के साथ 418वें पायदान पर थे। फोर्ब्स ने यह सूची तब जारी की थी, जब नरेंद्र मोदी को सत्ता में आए 1 साल भी नहीं हुआ था। लेकिन, इसके बाद से अनिल अंबानी की संपत्ति में लगातार कमी दर्ज की जा रही है।
चार वर्षों में आधी से भी कम हो गई अनिल अंबानी की संपत्ति: पिछले कुछ वर्षों में अनिल अंबानी की स्वामित्व वाली कंपनी का परफॉर्मेंस बेहद खराब रहा है। इसका असर उनकी निजी संपत्ति पर भी पड़ा है। फोर्ब्स की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, मौजूदा समय में अनिल अंबानी की संपत्ति घटकर 1.7 अरब डॉलर (12,098 करोड़ रुपए) तक पहुंच चुकी है। नरेंद्र मोदी वर्ष 2014 में केंद्र की सत्ता में आए थे। तब से अनिल अंबानी की संपत्ति में कमी दर्ज की जा रही है। बता दें कि विपक्षी कांग्रेस पार्टी राफेल फाइटर जेट खरीद मामले में पीएम नरेंद्र मोदी पर अनिल अंबानी को 30,000 करोड़ रुपए का कांट्रैक्ट दिलाने का आरोप लगा रही है।
दिवालिया होने के कगार पर पहुंची कंपनी: पिछले कुछ वर्षों में अनिल अंबानी की सिर्फ संपत्ति ही कम नहीं हुई है, बल्कि कर्ज के बोझ तले दबी उनके ग्रुप की एक कंपनी दिवालिया होने के कगार पर भी पहुंच चुकी है। अनिल अंबानी की स्वामित्व वाली रिलायंस कम्यूनिकेशंस लिमिटेड समय पर कर्ज न चुका पाने के कारण खुद को दिवालिया घोषित करने की अर्जी लगा चुकी है। इससे अनिल अंबानी की वित्तीय स्थिति का पता लगाया जा सकता है।
12 साल पहले 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की थी संपत्ति: आज से तकरीबन 13 साल पहले मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी में बंटवारा हुआ था। एक साल बाद वर्ष 2007 में फोर्ब्स ने ‘रिच लिस्ट’ जारी की थी। इसके मुताबिक, उस वक्त अनिल अंबानी की संपत्ति 45 अरब डॉलर (3,20,242 करोड़ रुपए) थी। इनमें से रिलायंस कम्यूनिकेशंस की 66 फीसद तक की हिस्सेदारी थी। हालांकि, इसके बाद से अनिल अंबानी की संपत्ति में लगातार कम होती गई। दूसरी तरफ, मुकेश अंबानी की दौलत में लगातार इजाफा हुआ है।