भारत-चीन के दोतरफा संबंधों में चहुंमुखी प्रगति का उल्लेख करते हुए राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि चीन की कंपनियों का ‘मेक इन इंडिया’ पहल में भागीदारी के लिए स्वागत है। मुखर्जी ने यह बात चीन के उपराष्ट्रपति ली युआनचाओ के साथ मुलाकात के दौरान कही जो शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन में उनसे मिले थे। राष्ट्रपति भवन से जारी बयान के मुताबिक राष्ट्रपति ने कहा कि युआनचाओ भारत यात्रा करने वाले चीन के पहले उपराष्ट्रपति हैं और भारत-चीन के साथ अपने संबंध को बहुत महत्त्व देते हैं।
उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में भारत-चीन संबंधों में चहुंमुखी प्रगति दर्ज हुई है। दोनों देशों ने राजनीतिक उच्च स्तर पर आदान-प्रदान का विस्तार किया है। दो उभरती अर्थव्यवस्थाओं के तौर पर दोनों देशों के बीच के संबंध का क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर काफी महत्त्व है। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत-चीन व्यापार अब 70.59 अरब डालर तक पहुंच चुका है। भारत ‘मेक इन इंडिया’ में भागीदारी के लिए चीन की कंपनियों का स्वागत करता है।
चीन के उपराष्ट्रपति ने राष्ट्रपति की भावना को गर्मजोशी के साथ स्वीकार करते हुए कहा कि भारत और चीन के बीच गहरे संबंध से न सिर्फ दोनों देशों को फायदा होगा बल्कि इसस एशिया की सदी लाने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने भारत को उसकी वृद्धि के लिए बधाई दी और कहा कि चीन उसके साथ सभी क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।