क्या आपके पीपीएफ खाते की भी लॉकडाउन के बीच मेच्योरिटी पूरी हो चुकी है और रकम नहीं निकाल पाए हैं? ऐसे तमाम लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि क्या लॉकडाउन के बाद जब वे राशि निकालेंगे, तब तक पीपीएफ खाते में जमा अमाउंट पर उन्हें ब्याज मिलता रहेगा या नहीं। यदि आपकी भी यह चिंता है तो फिर आपको कतई परेशान होने की जरूरत नहीं है। वित्त मंत्रालय के आदेश के मुताबिक ऐसे ग्राहक जिनके पीपीएफ की खाते की मैच्योरिटी का टाइम 31 मार्च तक था, अब उसे बढ़ाकर 30 जून तक कर दिया गया है। यही नहीं इन तीन महीनों की अवधि के दौरान खातों में जमा राशि पर बैंकों की ओर ब्याज भी मिलता रहेगा।
वित्त मंत्रालय की ओर से जारी किए गए नोटिफिकेशन के मुताबिक ऐसे ग्राहक जिनका पीपीएफ खाता 31 मार्च, 2020 को मैच्योर हो रहा था, उसकी अवधि 30 जून, 2020 तक बढ़ाई जाती है। यह सुविधा उन खातों पर भी लागू रहेगी, जिन पर ग्राहकों ने पहले ही एक साल का एक्सटेंशन ले रखा था। इसके लिए ग्राहकों को पीपीएफ खाते के मैच्योरिटी पीरियड में इजाफे की मांग के लिए डाक विभाग को अपने रजिस्टर्ड मेल से लेटर भेजना होगा। इसके बाद लॉकडाउन खत्म होने पर आप लेटर की ओरिजिनल कॉपी जमा करा सकते हैं। इस दौरान आपको खाते पर पहले की तरह ही ब्याज मिलता रहेगा।
बता दें कि किसी भी पीपीएफ खाते की मेच्योरिटी की अवधि 15 साल होती है। यदि ग्राहक चाहता है तो बैंकों की ओर से इस अवधि को 15 साल के बाद 1 से 5 वर्ष तक के लिए बढ़ाया जा सकता है। बता दें कि कोरोना संकट के चलते आर्थिक सुस्ती की वजह से सरकार ने सुकन्या समृद्धि योजना से लेकर पीपीएफ अकाउंट तक तमाम बचत योजनाओं पर मिलने वाले ब्याज में भी कटौती की है। फिलहाल पीपीएफ खातों में 7.1 फीसदी का ब्याज मिल रहा है।
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