तमिलनाडु के बाद अब उत्तरप्रदेश में भी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में घोटाला सामने आया है। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले की तिलहर तहसील में कृषि और राजस्व विभाग के अधिकारियों ने जनसेवा केंद्रों के साथ मिलकर भूमिहीन लोगों को भी प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना का फायदा पहुंचा दिया। इतना ही नहीं प्राइमरी स्कूल में पढ़ने वाले हजारों बच्चों के बैंक खातों में भी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की रकम पहुंची है। मामला सामने आने के बाद जिला प्रशासन में खलबली मची हुई है।
कहा तो यह भी जा रहा है जिन भूमिहीन किसानों के नाम पैसा भेजा गया, उनसे दलालों ने आधार माइक्रो एटीएम पर अंगूठा लगवाकर जबरदस्ती किसान सम्मान निधि योजना की रकम निकलवा ली है। पुलिस अब इस मामले की जांच कर रही है और घोटाले के मुख्य आरोपी को जल्द गिरफ्तार करने की बात कह रही है। इससे पहले पुलिस ने इस मामले में दर्जन भर लोगों को गिरफ्तार किया था जिसके बाद फर्जीवाड़े में कुछ बड़ी बातें सामने आई थी। बुधवार को बैंक ऑफ बरोड़ा की जैतीपुर शाखा में अधिकारियों ने किसान सम्मान निधि योजना का फायदा उठाने वाले कुछ अपात्र लोगों के खाते बंद कर आए थे।
उनमें कुछ खाते छोटी उम्र के बच्चों के नाम पर भी थे । मिलीभगत में कारण इन बच्चों के नाम पर बड़ी उम्र के लोगों का फोटो लगा दिया गया।इन सभी लोगों ने जैतीपुर के एक जनसेवा केंद्र में ही अपना खाता खुलवाया था। क्षेत्र में से और भी बहुत फर्जी खाते खोले गए हैं जिनको बाद में प्रधानमंत्री किसान योजना में जोड़ा गया। इतना ही नहीं इन सभी खातों से लगातार लेन-देन किया जा रहा है। इस मामले में अखिल भारतीय प्रधान संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विपिन मिश्रा ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर मामले की सीबीआई जांच की मांग की है।
विपिन मिश्रा ने अपने पत्र में कृषि विभाग, बैंक, राजस्व विभाग और जनसेवा केंद्रों की मिलीभगत से किसान सम्मान निधि योजना में बड़े घोटाले का आरोप लगाया है। विपिन मिश्रा ने आरोप लगाया है कि अधिकारियों की मिलीभगत के कारण अपात्र लोगों को भी प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की लिस्ट में जोड़ दिया गया है जबकि वास्तविक किसान अभी भी योजना के फायदे से वंचित हैं। अपने पत्र में जन कुछ जनसेवा केंद्रों के संचालकों का नाम भी लिखा है।