पीएम किसान योजना के तहत किसानों को साल भर में तीन किस्तों में 6,000 रुपये की रकम मिलती है। किसान इस स्कीम के लिए कॉमन सर्विस सेंटर के जरिए अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं या फिर खुद ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। हालांकि आवेदन के बाद की प्रक्रिया काफी लंबी होती है और कई चरणों में वेरिफिकेशन के बाद ही किस्तें जारी होती हैं। ऐसे में यदि आप कोई गलत जानकारी देकर स्कीम का लाभ ले रहे हैं तो सतर्क रहने की जरूरत है। आइए जानते हैं, क्या है किस्तों को जारी करने की प्रक्रिया…

कोई भी किसान www. pmkisan.gov वेबसाइट पर जाकर स्कीम के लिए आवेदन कर सकते हैं।

स्कीम के लिए वेबसाइट के अलावा गांव के पटवारी, राजस्व अधिकारी और अन्य संबंधित अधिकारियों के समक्ष भी आवेदन कर सकते हैं।

किसान की ओर से आवेदन के बाद राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के ब्लॉक लेवल के अधिकारी डेटा को प्रोसेस करते हैं और उसे राज्य के नोडल अधिकारियों के समक्ष भेजते हैं।

राज्य के नोड अधिकारियों की ओर से डेटा की जांच की जाती है और अलग-अलग टुकड़ों में उसे पोर्टल पर अपलोड किया जाता है।

इसके बाद नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर, पीएफएमएस और बैंकों की ओर से आवेदन की जांच की जाती है और वेरिफिकेशन के बाद ही किस्तों को जारी करने की प्रक्रिया शुरू होती है।

पूरे वेरिफिकेशन के बाद राज्य के नोडल अधिकारी की ओर से रिक्वेस्ट फॉर ट्रांसफर भेजा जाता है। इसके बाद धीरे-धीरे किस्तों को जारी किया जाता है और फिर पूरी जानकारी पोर्टल पर अपलोड होती है।

Request For Transfer के आधार पर पीएफएमएस के जरिए फंड ट्रांसफर ऑर्डर जारी किया जाता है।

फंड ट्रांसफर ऑर्डर के बाद कृषि विभाग की ओर से फंड ट्रांसफर करने का आदेश जारी होता है।

इस आदेश के बाद ही बैंकों की ओर से लाभार्थियों के खाते में रकम जारी की जाती है।