देश के किसानों को हर साल 6,000 रुपये देने वाली पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम के तहत लाभार्थियों की सूची भी जारी की जाती है। इस सूची को आप पीएम किसान स्कीम की वेबसाइट https://pmkisan.gov.in/ पर जाकर चेक कर सकते हैं। हालांकि यह लिस्ट भी स्थायी नहीं होती है और इस सूची की वैलिडिटी एक साल के लिए ही होती है। इसके बाद एक बार फिर से लिस्ट को अपडेट किया जाता है। https://pmkisan.gov.in/ वेबसाइट पर दिए गए निर्देशों के मुताबिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की ओर से तैयार की गई लाभार्थियों की सूची की वैधता एक साल के लिए होती है। इसके बाद एक बार फिर से वेरिफिकेशन के बाद किसानों की सूची वेबसाइट में अपलो़ड की जाती है।
किसी किसान की भूमि के ट्रांसफर, वसीयत एवं लैंड रिकॉर्ड में बदलाव समेत तमाम अहम संशोधनों के आधार पर नई लिस्ट तैयार की जाती है। दिशानिर्देश के मुताबिक जिन किसानों की जमीन की स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है, उन्हें जस का तस लिस्ट में शामिल कर लिया जाता है। इसके अलावा नए पात्र किसानों को भी इस लिस्ट में जगह दी जाती है।
मान लीजिए कि किसान ने अपनी जमीन को बेच दिया हो तो फिर नोडल अधिकारी की यह जिम्मेदारी है कि वह अपडेटेड लिस्ट से ऐसे किसान को बाहर करे। जमीन खरीदने वाला किसान यदि स्कीम के लिए पात्र है तो उसे सूची में जगह दी जाती है। इसके अलावा यदि विक्रेता किसान की कोई और भूमि है और वह अब भी इस स्कीम के तहत लाभ का हकदार है तो फिर अन्य भूमि के रिकॉर्ड के आधार पर किसान को नई लिस्ट में जगह दी जाती है।
लाभार्थी किसान की मौत से अलग अन्य किसी मामले में जमीन ट्रांसफर होने की स्थिति में भी नोडल अधिकारी की ओर से जांच कर लिस्ट को अपलोड किया जाता है। यदि जिसके नाम पर भूमि आवंटित हुई है, वह लाभ का पात्र है तो फिर उसे स्कीम में जगह दी जाती है। यदि ऐसा नहीं है तो फिर लाभार्थियों की सूची से नाम को बाहर कर दिया जाता है। गौरतलब है कि पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम के तहत जमीन के आधार पर तभी लाभ मिल सकता है, जब संबंधित भूमि का उपयोग खेती के मकसद से ही किया जा रहा हो।