साल 2019 में किसानों के लिए प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना की शुरुआत की गई थी। इसके तहत किसानों को तीन किस्तों में सालाना कुल 6 हजार रुपये दिए जाते हैं।

अब इस योजना की आठवीं किस्त किसानों को मिलने वाली है। कई ऐसे भी किसान हैं जो इस योजना के दायरे में नहीं आते हैं लेकिन उन्होंने अप्लाई किया है। अगर आप इस योजना के योग्य नहीं हैं, फिर भी अप्लाई करते हैं तो मुकदमा झेलना पड़ सकता है। दरअसल, बीते दिनों कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने संसद में बताया कि योजना के तहत 32.91 लाख अयोग्य लाभार्थियों के खाते में 2,326 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए हैं।

तोमर के मुताबिक राज्यों से कई जानकारी ऐसी मिली है, जिसके मुताबिक ब्लॉक-जिला स्तर के अधिकारियों की साख का दुरुपयोग अयोग्य किसानों के सत्यापन के लिए किया गया। राज्य सरकारें ऐसे लोगों का पता लगाकर उनके खिलाफ मामला दर्ज कर रही हैं।

पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को सालाना 6 हजार रुपये दिए जाते हैं। योजना के शुरू होने के समय यह दो हेक्टेयर तक के किसानों के लिए थी, वर्ष 2019 में दोबारा सरकार बनने पर मोदी सरकार ने इसके दायरे में देश के सभी किसानों को ले लिया है।

दिसंबर 2020 तक के आंकड़ों के मुताबिक लगभग साढ़े 11 करोड़ किसान योजना में पंजीकृत हो चुके हैं, और 10.59 करोड़ किसानों के खातों में 96 हजार करोड़ रुपये पहुंच गए हैं। पश्चिम बंगाल को छोड़कर बाकी सभी राज्य इस योजना से जुड़ चुके हैं। इनकम टैक्स के दायरे में आने वाले या रिटायर्ड पेंशनभोगियों को स्कीम से बाहर रखा गया है।