देश में पिछले 15 दिनों में पेट्रोल और डीजल के दामों में 9.2 रुपए की बढ़ोतरी हो चुकी हैं जिसके कारण आम आदमी की जेब पर लगातार महंगाई का बोझ बढ़ रहा है। वहीं, कच्चे तेल की कीमत बढ़ने के कारण अभी भी यह संभावना है कि तेल वितरण कंपनियां आगे भी मूल्यों में वृद्धि करेंगी।
कितनी बढ़ सकती हैं पेट्रोल और डीजल की कीमत?: जानकारों का मानना हैं कि कच्चे तेल के दाम में 1 डॉलर प्रति बैरल की वृद्धि होने पर तेल वितरण कंपनियों को अपने मौजूदा मार्जिन को बरकरार रखने के लिए कम से कम 0.52 से 0.60 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि करने की जरूरत होती है। 4 नवंबर के बाद से अब तक 1 बैरल कच्चे तेल का दाम 28.4 डॉलर प्रति बैरल चढ़कर 108.9 डॉलर प्रति बैरल हो चुका है। कच्चे तेल के दाम को देखते हुए अभी पेट्रोल और डीजल के दामों में 5.5 से 7.8 रुपए की वृद्धि की संभावना दिखती है।
दरअसल तेल वितरण कंपनियों ने 4 नवंबर से लेकर 21 मार्च तक पेट्रोल डीजल के दामों में बढ़ोतरी नहीं की थी जबकि इस दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में 30 फीसदी से अधिक की वृद्धि देखने को मिली थी। इस कारण विपक्षी राजनीतिक दलों ने सरकार पर आरोप लगाया कि पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने के कारण सरकार ने पेट्रोल और डीजल के दाम नहीं बढ़ाए हैं।
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी आईसीआरए के वाइस प्रेसिडेंट और को-ग्रुप हेड प्रशांत वशिष्ठ का कहना है कि “मौजूदा कर अनुपात के मुताबिक कच्चे तेल के दाम में 1 डॉलर प्रति बैरल की वृद्धि होने पर, रिटेल में पेट्रोल डीजल की कीमतों में 60 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि होनी चाहिए”
पेट्रोल डीजल पर टैक्स: केंद्र सरकार की तरफ से पेट्रोल-डीजल की कीमत को कम करने के लिए एक्साइज ड्यूटी घटाई गई थी। नवंबर 2021 में सरकार ने पेट्रोल पर 10 रुपए और डीजल पर 5 रुपए प्रति लीटर की राहत दी थी। केंद्र और राज्य सरकारों के करों को मिला दिया जाएं,तो दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल पर 43 फीसदी और डीजल पर 37 फीसदी टैक्स लगता है।
तेल की कीमतें अचानक बढ़ने का कारण?: तेल वितरण कंपनियों की तरफ से पेट्रोल डीजल की कीमत में 4 नवंबर के बाद 137 दिनों तक कोई भी इजाफा नहीं किया गया, लेकिन इस दौरान अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में भारी इजाफा हुआ। जब 22 मार्च के बाद कीमतें बढ़ाने के साथ ही तेल कंपनियां ने बोझ ग्राहकों को हस्तांतरित करना शुरू कर दिया है, जिसके कारण पिछले 15 दिनों में 13 बार पेट्रोल डीजल की कीमतों में वृद्धि हुई है।
(लेखक : करुणजीत सिंह)