रियल एस्टेट सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए, कर्नाटक सरकार ने गुरुवार को कैबिनेट की बैठक में स्टांप ड्यूटी में कटौती को मंजूरी दे दी। 45 लाख रुपए तक की संपत्तियों पर स्टांप ड्यूटी 5 फीसदी से कम कर 3 फीसदी कर दी गई है। इस कदम के परिणामस्वरूप घर खरीदारों के लिए लागत बचत होगी। वास्तव में बेंगलुरु में मिड सेगमेंट के घरों की डिमांड ज्यादा है। ऐसे में सरकार के इस फैसले का असर धारवाड़, मैसूर, हुबली और बेलगावी जैसे सस्ते शहरों में सकारात्मक प्रभाव अधिक दिखाई देगा।
स्टांप शुल्क में कटौती से घर के खरीदार की लागत कम हो जाती है और इसलिए इसे रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए सकारात्मक माना जाता है, जो पिछले कुछ वर्षों से संघर्ष कर रहा है। स्टाम्प शुल्क संपत्ति के पंजीकरण के समय भुगतान किया गया शुल्क है और यह हर राज्य में अलग–अलग होता है। उदाहरण के लिए, अगर 30 लाख की संपत्ति पर स्टाम्प शुल्क 5 फीसदी है, तो 2 फीसदी कटौती से घर खरीदने वाले को 80 हजार रुपए की बचत होगी।
स्क्वायर यार्ड के नेशनल सेल्स हेड राहुल पुरोहित ने कहा कि कर्नाटक सरकार का 45 लाख रुपए से कम के अपार्टमेंट के रजिस्ट्रेशन पर स्टाम्प शुल्क को 5 फीसदी से कम कर 3 फीसदी करने का फैसला किफायती–घर खरीदारों के साथ सही भावना को प्रभावित करेगा, उनके वित्तीय तनाव को कम करेगा और निम्न और मध्यम आय के लिए मांग निर्माण को बढ़ावा देगा। वहीं पहली बार घर खरीदने वालों को प्रोत्साहित करेगा, अचल संपत्ति क्षेत्र में निवेश के चक्र को मजबूत करेगा, खरीद निर्णयों में तेजी लाएगा और साथ ही भारत की आईटी राजधानी में रियल एस्टेट डेवलपर्स के विश्वास को बढ़ावा देगा, जो इन्वेंट्री और धीमी बिक्री के कारण प्रभावित हुए हैं।
अतीत में यह देखा गया था कि स्टांप ड्यूटी में कटौती से सेक्टर की इन्वेंट्री को साफ करने में मदद मिली है। महाराष्ट्र सरकार ने अस्थायी रूप से अपनी स्टांप ड्यूटी घटा दी है। मुंबई जैसे कुछ बाजारों ने कम ब्याज दरों, डेवलपर्स से आकर्षक छूट के साथ–साथ महामारी के बीच अपना घर खरीदने के लिए लोगों के झुकाव द्वारा समर्थित बिक्री की रिकॉर्ड संख्या दर्ज की।
हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि स्टांप शुल्क में कटौती मूल्य सभी श्रेणियों में होनी चाहिए थी जैसा कि महाराष्ट्र सरकार ने किया था। इसे 45 लाख तक की संपत्तियों तक सीमित करने से वांछित परिणाम नहीं मिल सकते हैं। एनारॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स के चेयरमैन अनुज पुरी ने वत कदम को स्वागत योग्य बताया है, लेकिन यह बेंगलुरु में आवास की बिक्री को महत्वपूर्ण बढ़ावा देने की संभावना नहीं है, जैसा कि महाराष्ट्र में देखा गया था, जहां राज्य ने सभी बजट खंडों में घरों के लिए स्टैंप ड्यूटी में कटौती की, न कि केवल एक श्रेणी में।