अपने बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए माता-पिता बेहतर शिक्षा के लिए सेविंग करते हैं ताकि वे अपने बच्चे को अच्छी शिक्षा दे सके। हालांकि मुद्रास्फिति बढ़ने और कई कारकों के कारण महंगाई के अनुरूप व्यवस्था कर पाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। इसलिए एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि बच्चों के शिक्षा के लिए सहीं योजनाओं में पैसा लगाना जरूरी है।
फंड बनाने के लिए लोग सरकारी योजनाओं के साथ ही, शेयर बाजार, म्युचुअल फंड, एफडी निवेश और सोना जैसे जगहों पर पैसा लगते हैं, लेकिन यह तभी संंभव है, जब आपके पास एक निश्चित अमाउंट निरंतर आ रहा हो। दुभाग्यपूर्ण स्थिति में पैसा जमा करना या निवेश कर पाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। ऐसी स्थिति में एक बेहतर विकल्प चाइल्ड इंश्योरेस प्लान है। यह माता-पिता के अनुपस्थिति में शिक्षा का पूरा खर्च वहन करता है।
केवल एक बाल बीमा योजना ही यह तय कर सकती है कि बच्चे की आवश्यकता के अनुसार और जब भी आवश्यकता हो, धन जमा किया जा सकता है। बीमित माता-पिता की मौत होने पर योजना यह सुनिश्चित करती है कि बच्चे को उम्र और आवश्यकता के अनुसार धनराशि दी जाए। साथ ही, बीमित माता-पिता की अनुपस्थिति में, बीमा कंपनी पॉलिसी को आगे भी बढ़ाती है और इसके लिए कोई प्रीमियम नहीं वसूल करती है।
बजाज कैपिटल लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक संजीव बजाज का कहना है कि “चाइल्ड इंश्योरेंस प्लान आपके बच्चों की वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन की गई है, चाहे वह उच्च शिक्षा हो, शादी हो या उन्हें व्यवसाय स्थापित करने में मदद करना हो। चाइल्ड इंश्योरेंस प्लान्स में निवेश करने का मतलब है कि ऐसी पॉलिसी से मिलने वाले भुगतान, जिसमें मृत्यु लाभ भी शामिल है, का उपयोग केवल बच्चे की जरूरतों के लिए किया जाना चाहिए।”
चाइल्ड इंश्योरेंस प्लान सभी बीमा प्लान से अलग है, क्योंकि यह माता-पिता के नहीं रहने पर भी बीमा कंपनी की ओर से भुगतान की जाती है। इसमें ‘प्रीमियम की छूट’ (WOP) नामक एक सुविधा दी जाती है, जो बच्चों की आर्थिक मदद आवश्यकता पड़ने पर करता है।
अगर आप बच्चों की जरूरतों के लिए जीवन बीमा योजना खरीद रहे हैं, तो तय करें कि इसमें ‘प्रीमियम की छूट’ सुविधा है। बाल बीमा योजनाओं की खास बात यह है कि बीमित व्यक्ति की मृत्यु के मामले में नामांकित व्यक्ति को वांछित राशि दो बार मिलती है। बीमाकर्ता पॉलिसीधारक की मृत्यु के तुरंत बाद नामांकित व्यक्ति को बीमा राशि का भुगतान करता है और मैच्योरिटी पूरा होने पर राशि का भुगतान कर देता है।