यदि कोई वाहन आपके पास है तो मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 146 के अंतर्गत आपके के पास उसका इंश्योरेंस होना बेहद अनिवार्य है। यदि आप बिना बीमा के सड़क पर गाड़ी चलाते हैं तो आपको पहली बार में 2 हजार रुपए का जुर्माना और दूसरी बार पकड़े जाने पर करीब 4 हजार रुपए का जुर्माना भरना पड़ सकता है। यदि आप जुर्माना नहीं भरते है तो आपको 3 महीने की जेल का भी प्रावधान है।
थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस क्या होता है?:सबसे पहले यहां पर थर्ड पार्टी मोटर इंश्योरेंस को समझने की जरुरत है। इंश्योरेंस कॉन्ट्रैक्ट में फर्स्ट पार्टी उसे कहते हैं जो इंश्योरेंस खरीदता है जबकि दूसरी पार्टी उसे कहते है जो बीमा बेचता है। मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत थर्ड पार्टी वह होता है जिसकी रिस्क हम कवर करते हैं।
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस काम कैसे करता है?: थर्ड पार्टी इंश्योरेंस में आपको गाड़ी का कवर नहीं मिलता है। उदाहरण के लिए आपने अपनी गाड़ी का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस करा रखा है। आपका सड़क पर किसी से बाइक सवार से दुर्घटना हो जाती है जिसके कारण बाइक सवार घायल हो जाता है और आपकी गाड़ी में भी एक बड़ा डेंट आता है। लेकिन आपकी गाड़ी से घायल व्यक्ति की बाइक को ठीक कराने और इलाज में करीब 50 हजार खर्च हो जाते हैं। तो थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के तहत बीमा का कवर बाइक सवार को मिलेगा न कि आपको।
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के फायदे: थर्ड पार्टी इंश्योरेंस लेने के कई फायदे हैं। सबसे पहले यह आपको पुलिस के जुर्माने से बचाता है। किसी बड़ी दुर्घटना में मृत्यु और गंभीर घायल अवस्था में यह आपको कवर भी देता है। इसके साथ सड़क पर किसी अन्य के साथ होने वाली दुर्घटना में थर्ड पार्टी के प्रति आपके रिस्क को भी कम करता है। थर्ड पार्टी इंश्योरेंस को लोकप्रिय होने का कारण अन्य इंश्योरेंस की अपेक्षा 50 से 60 फीसदी तक सस्ता होता है।
किन लोगों के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस बेहतर: वे लोग जिनके पास दो या उससे अधिक गाड़ी हैं। वे जिस गाड़ी का कम उपयोग करते हैं। उस गाड़ी का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस करा सकते है। इससे उनकी इंश्योरेंस पर आने वाली प्रति साल की लागत में बड़ी कमी आएगी।