होम लोन की दरें अब तक के निचले स्तर पर हैं। दूसरी ओर रियल एस्टेट भी डूबा हुआ है। जिसे उबारने के कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। यदि आप किसी होम लोन का भुगतान कर रहे हैं या फिर हाल ही में आपने कोई होम लिया है तो आपको इनकम टैक्स भरने के दौरान बेनिफिट प्राप्त कर सकते हैं। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर आप होम लोन पर किस तरह से टैक्स बेनिफिट प्राप्त कर सकते हैं।
प्रिंसीपल अमाउंट पर किया गया भुगतान
घर खरीदने या निर्माण करने के लिए लिया गया होम लोन का धारा 80सी के तहत प्रिंसीपल अमाउंट का किया गया भुगतान टैक्स बेनिफिट के दायरे में आता है। जिसके तहत टैक्सपेयर को 1.5 लाख रुपए का फायदा मिलता है। अगर वह घर जिस पर टैक्स बेनिफिट का दावा किया है उसे प्रॉपर्टी खरीद की तारीख से 5 साल की लॉक-इन पीरियड के अंदर बेच दी जाती है तो वो बेनिफिट वापस ले लिया जाएगा। साथ ही, स्टांप शुल्क, रजिस्ट्रेशन फीस, या प्रॉपर्टी ट्रांसफर से संबंधित किसी भी अन्य शुल्क के संबंध में किए गए किसी भी खर्च को धारा 80 सी की कुल 1.5 लाख रुपए की कुल सीमा के तहत टैक्स बेनिफिट मिलता है।
होम लोन के ब्याज पर भी मिलता है फायदा
आयकर अधिनियम की धारा 24 (बी) के तहत, टैक्सपेयर्स होम लोन पर दिए गए ब्याज के खिलाफ 2 लाख रुपए के टैक्स बेनिफिट का दावा कर सकता है। यह बेनिफिट घर का निर्माण पूरा होने के बाद ही मिलता है।
धारा 80ईई
होम लोन पर भुगतान किए गए ब्याज के बदले 50,000 रुपए तक की अतिरिक्त कटौती के रूप में धारा 80ईई को वित्त वर्ष 2017-18 से पेश किया गया था।
- वित्तीय वर्ष 2016-17 के दौरान वित्तीय संस्थान द्वारा लोन स्वीकृत किया गया हो।
- स्वीकृत लोन की राशि 35 लाख रुपए से कम होनी चाहिए।
- आवासीय संपत्ति का मूल्य 50 लाख रुपए से ज्यदा नहीं होना चाहिए।
- यदि इस धारा के तहत किसी कटौती का दावा किया जाता है, तो किसी दूसरे प्रावधान के तहत इस तरह के ब्याज की कटौती की परमीशन नहीं मिलती है।
धारा 80ईईए
धारा 80ईई के तहत कम कॉस्ट वाले आवास के लिए बेनिफिट्स को बढ़ाने के लिए वित्त वर्ष 2019-20 से धारा 80ईईए को भी पेश किया गया है। इस कटौती का दावा धारा 80EEA के तहत एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 1.5 लाख रुपए के लिए किया जा सकता है। यह धारा 24 के तहत अधिकतम 2 लाख रुपए से अलग है। इस प्रकार,टैक्सपेयर्स एक किफायती घर खरीदने के मामले में एक वित्तीय वर्ष में 3.5 लाख रुपए तक का डिडक्शन क्लेम कर सकता है। ध्यान रखें कि दो अलग-अलग धाराओं के तहत एक ही राशि का दो बार दावा नहीं किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, यदि आपके पास वित्तीय वर्ष में होम लोन पर ब्याज भुगतान की गई राशि 1.4 लाख है, तो कटौती का दावा या तो धारा 24 के तहत या धारा 80ईईए में किया जा सकता है।
इन शर्तों को पूरा करने पर मिलती है 1.5 रुपए की राहत
- घर के लिए होम लोन किसी वित्तीय संस्थान जैसे बैंक या हाउसिंग फाइनेंस कंपनी से लिया जाना चाहिए।
- होम लोन 1 अप्रैल 2019 से 31 मार्च 2021 के बीच लिया गया हो।
- स्टांप शुल्क 45 लाख रुपए से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
- टैक्सपेयर्स के पास लोन की मंजूरी की डेट तक कोई आवासीय संपत्ति नहीं होनी चाहिए।
- इंडिविजुअल टैक्सपेयर्स मौजूदा धारा 80ईई के तहत कटौती का दावा करने के लिए पात्र नहीं होना चाहिए।
- बजट 2021 में होम लोन पर ब्याज भुगतान पर अतिरिक्त कटौती का दावा करने के लिए 31 मार्च, 2021 की वर्तमान समय सीमा से 31 मार्च, 2022 तक गृह ऋण का लाभ उठाने की समय-सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव किया गया है।
- यह टैक्स बेनिफिट 1 अप्रैल, 2017 के बाद लिए गए नए होम लोन के लिए उपलब्ध नहीं है, हालांकि, अगर आपने वित्त वर्ष 2016-17 में पहले ही होम लोन ले लिया है, तो आप इस कटौती का दावा तब तक कर सकते हैं जब तक कि आप लोन को पूरी तरह से चुका नहीं देते।
कुल 5 लाख रुपए का मिल सकता है फायदा
होम लोन से संबंधित सभी कटौतियां एक साथ रखने पर आपको अधिकतम 5 लाख रुपए (2 लाख रुपए धारा 24, 1.5 लाख रुपए धारा 80सी, और 1.5 लाख रुपए धारा 80ईईए) प्राप्त करने में मदद मिल सकती है। यदि आप एक नया घर खरीदने की योजना बना रहे हैं तो आप अपनी खरीद की योजना इस तरह से बना सकते हैं कि आपका लोन आपको अधिकतम कटौती प्राप्त करने में मदद कर सके।