हेल्थ इंश्योरेंस प्लान इमरजेंसी में लोगों के बचत को बिना प्रभावित किए इलाज का पूरा खर्च उठाता है। इसी कारण एक्सपर्ट की ओर से सभी के लिए स्वास्थ्य बीमा लेने की सलाह दी जाती है। अधिकांश प्राइवेट सेक्टर के संगठन कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए कॉर्पोरेट स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी की पेशकश करते हैं। हालांकि नौकरी बदलने या रिटायरमेंट के मामले में कोई कर्मचारी ऐसे स्वास्थ्य बीमा का फायदा नहीं उठा सकते हैं।
इसके अलावा, रिटायरमेंट के बाद किसी व्यक्ति को उम्र बढ़ने के कारण बीमा कवर की अधिक आवश्यकता होती है। ऐसे में कोई स्वास्थ्य कवर नहीं होने से वह एक बड़े वित्तीय जोखिम में पड़ सकता है। इसलिए एक कॉर्पोरेट स्वास्थ्य बीमा कवर के साथ, एक पर्सनल स्वास्थ्य बीमा कवर भी होना चाहिए। ताकि नौकरी बदलने के बाद भी आपके पास स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध हो।
वहीं कॉरर्पोरेट स्वास्थ्य बीमा के साथ आप पर्सनल स्वास्थ्य बीमा के लिए एक टॉप अप या सुपर टॉप अप स्वास्थ्य बीमा योजना ले सकते हैं, जो आपके लिए सस्ती हो सकती हैं। कॉरपोरेट कवर के टॉप अप के रूप में कॉरपोरेट हेल्थ कवर के साथ टॉप अप प्लान या सुपर टॉप अप प्लान लिया जा सकता है।
अगर किसी कर्मचारी के पास 2 लाख रुपये का कॉर्पोरेट स्वास्थ्य कवर है, तो वह 2 लाख रुपये की कटौती के साथ 5 लाख रुपये की पर्सनल टॉप अप योजना ले सकता है। यदि उपचार की लागत 2 लाख रुपये से अधिक है, तो कॉर्पोरेट कवर का लाभ उठाने के बाद, कर्मचारी अतिरिक्त राशि का भुगतान करने के लिए टॉप अप कवर का लाभ उठा सकता है।
क्या हैं फायदे और लागत का लाभ
करीब सभी स्वास्थ्य बीमा योजनाओं में समान बुनियादी विशेषताएं होती हैं, वे अतिरिक्त लाभ और प्रीमियम राशियों के मामले में भिन्न होती हैं। टॉप अप या सुपर टॉप अप प्लान को बिना किसी डिडक्टिबल के हेल्थ इंश्योरेंस प्लान से सस्ता है। टॉप अप और सुपर टॉप अप योजनाओं में, टॉप अप योजनाएं सुपर टॉप अप योजनाओं की तुलना में सस्ती हैं।
ट्रांसफर बेनेफिट्स
एक टॉप अप या सुपर टॉप अप योजना को 60 वर्ष की आयु में यानि रिटायरमेंट के समय या इससे भी पहले योजना के नियमों और शर्तों के अनुसार एक पूर्ण स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी में परिवर्तित किया जा सकता है।
दोनों टॉपअप में क्या है अंतर
एक टॉप अप प्लान सुपर टॉप अप प्लान से सस्ता होता है, क्योंकि टॉप अप प्लान के मामले में, कटौती योग्य हर दावे पर लागू होता है, जबकि सुपर टॉप अप प्लान के मामले में कटौती योग्य पॉलिसी वर्ष में केवल एक बार लागू होती है।
