महंगी शिक्षा को मैनेज करने के लिए छात्र एजुकेशन लोन के लिए अप्‍लाई करते हैं, जो अन्‍य लोन की तुलना में थोड़ा सस्‍ता है। इसपर सरकारी बैंक भी छात्राओं के लिए ब्याज दरों पर 0.5 प्रतिशत अतिरिक्त रियायत देते हैं। वहीं इस लोन पर कई सब्‍सि‍डी योजनाएं भी हैं, जिनका माता-पिता और बच्चे लाभ उठा सकते हैं।

केंद्र सरकार की ओर से एजुकेशन लोन पर सब्सिडी दी जाती है जैसे ‘पढो परदेश’ एजुकेशन लोन ब्‍याज सब्सिडी योजना और डॉ अंबेडकर केंद्रीय क्षेत्र की ब्याज सब्सिडी योजनाएं हैं। ये एजुकेशन लोन की लागत को कम करने में मदद करती हैं क्योंकि अध्ययन अवधि के दौरान लिया गया ब्याज माफ किया जाता है।

हालांकि एजुकेशन लोन पर सब्सिडी सभी को नहीं मिलती है, इसके अंतर्गत कुछ पात्र लोग शामिल होते हैं। अगर आप भी इस लोन पर सब्सिडी पाना चाहते हैं तो यहां पूरी जानकारी दी जा रही है कि कौन इस लोन को ले सकता है और इसका लाभ, फीचर्स क्‍या होंगे।

केंद्रीय क्षेत्र ब्याज सब्सिडी योजना

मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने 2009 में आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के लिए उच्च शिक्षा की सुविधा के लिए इस योजना की शुरुआत की थी। ब्याज सब्सिडी योजना केवल भारत में तकनीकी/व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए लागू है। विदेश में शिक्षा के लिए लोन पर योजना का लाभ नहीं उठाया जा सकता है।

क्‍या है योजना फीचर्स और लाभ
यह योजना पूर्ण ब्याज सब्सिडी प्रदान करती है, यानी कि अधिस्थगन अवधि के दौरान ब्याज माफ कर दिया जाता है। अवधि समाप्त होने के बाद, छात्र को लोन राशि पर ब्याज राशि का भुगतान करना होगा। यह योजना ग्रेजुएशन या पोस्‍टग्रेजुएशन के लिए केवल एक बार लागू होती है। एकीकृत पाठ्यक्रम भी इसके तहत पात्र हैं। बिना जमानत और थर्ड पार्टी गारंटी के लिए गए 7.5 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन लिया जा सकता है।

इस योजना की पात्रता

  • योजना का लाभ उठाने के लिए माता-पिता की आय प्रति वर्ष 4.5 लाख रुपये तक होनी चाहिए।

पढो परदेश एजुकेशन लोन ब्याज सब्सिडी योजना

2006 में स्थापित, यह योजना अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदायों के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के छात्रों को विदेशों में बेहतर उच्च शिक्षा के अवसर प्रदान करने और उनकी रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए ब्याज सब्सिडी प्रदान करती है।

योजना की विशेषताएं और लाभ

  • मास्टर, या एम.फिल, पीएचडी में विदेशी शैक्षिक अध्ययन में नामाकिंत छात्रों को दिया जाता है।
  • छात्र इस योजना के तहत केवल एक बार मास्टर, एम.फिल, या पीएच.डी के लिए पात्र हैं।
  • छात्रों को अपने अध्ययन के पहले वर्ष में लाभ के लिए आवेदन करना चाहिए। अध्ययन के दूसरे वर्ष या उसके बाद के वर्षों के दौरान प्राप्त आवेदन स्वीकार नहीं किए जाते हैं।
  • मोराटोरियम पीरियड के दौरान ब्याज माफ किया जाता है। अवधि समाप्त होने के बाद, छात्रों को बकाया लोन की राशि पर ब्याज राशि चुकानी होगी।

योग्‍यता
पात्रता के तहत माता-पिता की कुल आय या नौकरी करने वाले छात्र प्रति वर्ष 6 लाख रुपये से अधिक नहीं होने चाहिए।

डॉ. अम्बेडकर सेंट्रल सेक्टर स्कीम ऑफ इंटरेस्ट सब्सिडी

डॉ. अम्बेडकर केंद्रीय क्षेत्र की ब्याज सब्सिडी योजना अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों (ईबीसी) के छात्रों के लिए शैक्षिक प्रगति को बढ़ावा देती है।

योजना की विशेषताएं और लाभ
पोस्‍ट ग्रेजुएशन, एम.फिल, और पीएचडी में विदेश में छात्रों के लिए एजुकेशन लोन पर अधिस्थगन की अवधि के लिए देय ब्याज पर सब्सिडी है।

कौन है योग्‍य
ब्याज सब्सिडी के लिए आवेदन करने वाले छात्रों के पास ओबीसी जाति प्रमाण पत्र होना चाहिए। ओबीसी उम्मीदवारों के लिए, घर लाई गई कुल आय वर्तमान क्रीमी लेयर मानदंड से अधिक नहीं होनी चाहिए। ईबीसी उम्मीदवारों के लिए आय सीमा 2.50 लाख रुपये प्रति वर्ष है।