सुनील धवन।
डाक घर की योजनाएं (Post Office Schemes) निवेशकों को बैंक एफडी (Bank Fixed Deposits) के मुकाबले अधिक ब्याज दर की पेशकश कर रही हैं। अगर आप केवल एक साल से 10 साल की बचत के लिए तय रिटर्न देने वाले निवेश में पैसा लगाना चाहते हैं तो छोटी बचत (Small Savings) बेहतर विकल्प हो सकता है।
ज्यादातर प्रमुख बैंकों में एक से 10 साल की एफडी पर ब्याज दर पांच फीसदी से छह फीसदी है। हालांकि, सीनियर सिटिजंस (वरिष्ठ नागरिकों) के लिए सभी बैंक निवेश की गई राशि पर 0.5 प्रतिशत की अतिरिक्त दर देते हैं। डाक घर में योजना के आधार पर ब्याज दर 5.5 प्रतिशत से 7.6 प्रतिशत के बीच है। पांच साल की NSC 6.8 प्रतिशत ब्याज मुहैया कराती है, जबकि डाकघर मासिक आय योजना में निवेश पर 6.6 प्रतिशत प्रदान करती है।
थोड़ी अधिक ब्याज दर के अलावा अधिकांश छोटी बचत योजनाएं भी टैक्स बेनेफिट्स (कर लाभ) के साथ आती हैं। बैंक एफडी के मामले में सिर्फ स्पेशल टैक्स सेविंग पांच साल की बैंक एफडी ही टैक्स बेनिफिट देती है।
हम यहां आपको डाक घर की पांच निवेश विकल्पों के बारे में बता रहे हैं, जो टैक्स लायबिलिटी (कर देयता) को कम करने में आपकी मदद करते हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि ये आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80 सी के तहत कर लाभ के साथ आते हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में:
Public Provident Fund Account: पीपीएफ 15 साल की योजना है। इसमें 15 साल तक लगातार पैसे जमा करने पड़ते हैं। कोई भी पांच साल के बाद पीपीएफ से बाहर निकल सकता है या चौथे साल से लोन पा सकता है। यहां तक कि सातवें वर्ष के बाद आंशिक निकासी भी कर सकता है। हालांकि, एक व्यक्ति अपने नाम से केवल एक अकाउंट ही खोल सकता है, जबकि दूसरा पीपीएफ खाता नाबालिग बच्चे के नाम पर खोला जा सकता है। हर वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 500 रुपए और अधिकतम 1.5 लाख रुपये (सेल्फ + माइनर अकाउंट) पीपीएफ में जमा किए जा सकते हैं। पीपीएफ में किया गया निवेश धारा 80सी के तहत कर लाभ के लिए योग्य है और मिलने वाला ब्याज टैक्स फ्री है। मौजूदा समय में पीपीएफ की ब्याज दर 7.1 प्रतिशत प्रति साल है। यह सालाना जुड़ती (कंपाउंडिंग) रहती है और मैच्योरिटी पर दी जाती है।
National Savings Certificates: अगर आप तय रिटर्न और टैक्स बेनिफिट के साथ पांच साल के लिए निवेश करना चाहते हैं, तो एनएससी आपके लिए अच्छा रहेगा। अभी एनएससी की ब्याज दर 6.8 प्रतिशत है, जबकि कर लाभ के साथ पांच साल की बैंक एफडी लगभग 5.5 प्रतिशत है। एनएससी को केवल एकमुश्त भुगतान की जरूरत है और आगे योगदान देने की कोई जरूरत नहीं होती। मैच्योरिटी पर इन्वेस्टर को एक तय रकम चुकाई जाती है।
Sukanya Samriddhi Yojana: एसएसवाई भी निवेश का एक बढ़िया जरिया है। यह खास तौर पर बेटियों की जरूरतों के लिए रकम तय करने में मदद करता है। 21 साल की SSY योजना 10 साल से कम उम्र की बच्ची के नाम पर ही खोली जा सकती है। सिर्फ मेडिकल आधार पर पांच साल के बाद योजना को समय से पहले बंद की जा सकती है। साथ ही लड़की जब 18 साल की हो जाती है तो बीते साल के खाते की शेष रकम का अधिकतम 50% हिस्सा उसकी उच्च शिक्षा के लिए निकाला जा सकता है।
यही नहीं, नियम किसी लड़की के 18 साल के होने के बाद उसकी शादी के उद्देश्य से किसी भी समय अंतिम रूप से बंद करने की अनुमति देते हैं। मौजूदा समय में एसएसवाई ब्याज दर 7.6 प्रतिशत प्रति साल है, जो वार्षिक रूप से जुटती रहती है और मैच्योरिटी पर दी जाती है। यह इन्वेस्टमेंट ऑप्शन धारा 80C के तहत टैक्स बेनेफिट के लिए योग्य है और इस पर मिलने वाला ब्याज कर मुक्त है।
Post Office Time Deposit Account: डाकघर में टाइम डिपॉजिट (टीडी) कुछ हद तक बैंक एफडी जैसा है। पोस्ट ऑफिस में टीडी एक, दो, तीन और पांच साल के लिए है, पर यह केवल पांच साल का टीडी है जो सेक्शन 80C टैक्स बेनिफिट के साथ आता है। इस पर कोई अधिकतम सीमा नहीं है, पर लेकिन टैक्स बेनेफिट 1.5 लाख रुपए तक सीमित है। हालांकि, मिलने वाला ब्याज पूरी तरह से कर योग्य है और इसे ‘अन्य स्रोतों से आय’ में जोड़ा जाएगा। फिलहाल पांच साल की डाक घर टीडी पर ब्याज दर 6.7 प्रतिशत प्रति साल है।
Senior Citizen Savings Scheme: वरिष्ठ नागरिक बचत योजना यानी एससीएसएस पांच साल की निवेश योजना है, जो कि 60 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए एक लोकप्रिय निवेश विकल्प हो सकता है। कोई एक से अधिक एससीएसएस खाता खोल सकता है लेकिन संयुक्त सीमा 15 लाख रुपए है। अभी एससीएसएस पर ब्याज दर 7.4 प्रतिशत प्रति साल है, जो तिमाही देय है। मिलने वाला ब्याज पूरी तरह से टैक्सेबल (कर योग्य) है और इसे ‘अन्य स्रोतों से आय’ में जोड़ा जाना है।