सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना की शुरुआत सरकार ने 2015 में की थी। इन बॉन्ड को स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, नामित डाकघरों और एनएसई व बीएसई जैसे मान्यता प्राप्त शेयर बाजारों के जरिए खरीदा जा सकता है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में सबसे अच्छी ये बात है कि, ये जीएसटी के दायरे में नहीं आता है।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की अवधि आठ वर्षों की होती है। इसमें पांच साल बाद अगले ब्याज भुगतान की तिथि पर बॉन्ड से निवेश निकालने का भी विकल्प होता है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेशक को कम से कम एक ग्राम सोने के लिए निवेश करना होगा। कोई भी व्यक्ति और हिंदू अविभाजित परिवार अधिकतम चार किलो मूल्य तक का गोल्ड बॉन्ड खरीद सकता है।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की 10वीं किस्त का था ये प्राइस – सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की फाइनेंशियल ईयर 2021-22 में 10 किस्त जारी की गई थी। जिसमें आखिरी किस्त खरीदने का समय 28 फरवरी से 4 मार्च 2022 तक का था। जिसमें एक ग्राम के गोल्ड बॉन्ड की कीमत 5,109 रुपये रखी गई थी।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के फायदे

>> सॉवरेन गोल्‍ड बांड में आपको सालाना 2.5 फीसदी का ब्याज मिलता है।
>> निवेशकों को कम से कम 1 ग्राम का बांड खरीदने की भी सुविधा मिलती है।
>> लोग गोल्ड बॉन्ड के बदले लोन लेने की भी सुविधा का भी फायदा उठा सकते हैं।
>> इसमें निवेश करने वाले इंडिविजुअल्स को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स नहीं देना होगा।
>> गोल्ड बॉन्ड में निवेश करने पर टीडीएस भी नहीं कटता है।

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कैसे खरीद सकते हैं बॉन्ड – सबसे पहले ये बात ध्यान रखनी होगी कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड खरीदने के लिए आपके पास पैन कार्ड होना अनिवार्य है। गोल्‍ड बांड को बैंक, स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, कुछ डाकघरों, एनएसई और बीएसई से खरीद सकते हैं। कोई भी अध‍िकतम एक साल में 400 ग्राम सोने के बॉन्ड खरीद सकता है और कम से कम 1 ग्राम बॉन्ड खरीदना जरूरी है।