पब्लिक प्राविडेंट फंड में निवेश करना बढ़िया ऑप्शन हो सकता है। इसमें 7.10 प्रतिशत की दर से फिलहाल ब्याज दिया जा रहा है। वहीं पब्लिक प्रोविडेंट फंड का मैच्योरिटी पीरियड 15 साल का होता है। अगर किसी जरूरत काम के लिए आपको पैसे की आवश्यकता होती है तो 5 साल बाद इसमें से पैसे विथड्रॉल किए जा सकता हैं। इसके साथ ही पीपीएफ अकाउंट में निवेश करने पर इनकम टैक्स की 80C धारा के तहत इनकम टैक्स में भी छूट मिलती है।
वहीं पीपीएफ अकाउंट के मैच्योर होने के बाद बहुत से लोग असमजंस में होते हैं कि, अब पीपीएफ अकाउंट में जमा पैसे का क्या किया जाए। अगर आपने भी पीपीएफ में निवेश किया है तो इसके मैच्योर होने पर आप तीन विकल्पों के जरिए अपने पैसे का सही इस्तेमाल कर सकते हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में…
PPF अकाउंट क्लोज करके पैसे निकालना- अगर आगे पीपीएफ अकाउंट को बढ़ाना नहीं चाहते तो इस पैसे को पीपीएफ अकाउंट बंद करके विथड्रॉल किया जा सकता है। इसके लिए पोस्ट ऑफिस या बैंक में जहां भी पीपीएफ अकाउंट खोला है वहां एक फॉर्म भरकर देना होगा। इसके बाद आप पैसे को विथड्रॉल कर सकते हैं।
मैच्योरिटी के बाद निवेश को बढ़ाना – पीपीएफ अकाउंट के मैच्योर होने के बाद भी आप अपने अकाउंट को चलाना चाहते हैं तो आप पीपीएफ अकाउंट को 5 साल के लिए दो बार बढ़ा सकते हैं। ऐसे में आपको पीपीएफ अकाउंट में 7.10 फीसदी की ब्याज मिलती रहेगी। वहीं इस दौरान अगर पैसों की जरूरत पड़ती है तो पैसे निकाला भी जा सकता है। यहां ध्यान देने वाली ये बात है कि, अगर पीपीफ अकाउंट को आगे बढ़ाना है तो इसके लिए मैच्योरिटी से 1 साल पहले ही आपको एक फॉर्म भरना होगा।
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कुछ न करने पर भी एक्टिव रहेगा पीपीएफ अकाउंट – अगर ऊपर बताएं गए दोनो विकल्पों में से किसी का भी आप चयन नहीं करते हैं तो भी परेशान होने की जरूरत नहीं है। क्योंकि पीपीएफ अकाउंट मैच्योर होने के बाद 5 साल तक एक्टिव रहता है और इस दौरान कैश जमा करने की जरूरत भी नहीं होती।
