राज्‍य सरकार को कैबिनेट की ओर से बड़ी राहत दी गई है। कैबिनेट का फैसला आने के बाद अब इन सभी कर्मचारियों के लिए GPF कटौती मंजूर कर ली गई है। इसके लागू हो जाने के बाद से राज्‍य कर्मचारियों को बड़ा फायदा पहुंचेगा और इसका लाभ कर्मचारी भविष्‍य में जरूरत पड़ने पर उठा सकेंगे। राजस्‍थान राज्‍य सरकार ने सामान्य प्रावधायी निधि नियम (general provisional fund rules), 2021 में संशोधन करने का फैसला किया है।

इस फैसले के साथ ही राज्‍य के सभी कर्मचारियों को जीपीएफ के दायरे में रखा जाएगा। इसके साथ ही राजस्‍थान कैबिनेट ने राजस्‍थान कृषि उत्‍पाद बाजार अधिनियम में संशोधन और जैसलमेर में 1,000 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना के लिए 2,397 हेक्टेयर भूमि आवंटन के नियमों में संशोधन किया है। इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में शनिवार को हुई बैठक हुई। इसमें भरतपुर मेडिकल कॉलेज का नाम पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ पहाड़िया के नाम पर करने का प्रस्ताव भी पारित किया गया है।

किन कर्मचारियों पर लागू होगा जीपीएफ
खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने बताया कि मंत्रिमंडल ने ‘राजस्थान राज्य कर्मचारी जीपीएफ नियम, 2021’ में संशोधन करने का निर्णय किया। इस प्रस्‍ताव के तहत एक जनवरी 2004 और उसके बाद नियुक्त होने वाले राज्य कर्मचारियों पर जीपीएफ नियम, 2021 लागू होंगे। इससे ये कर्मचारी भी 2004 से पहले नियुक्‍त कर्मचारियों की तरह ही जीपीएफ की कटौती होगी।

क्‍या होता है GPF और क्‍या होता?
जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) सामान्य प्रावधायी निधि नियम अकाउंट सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के लिए होता है। जीपीएफ एक तरह का रिटायरमेंट प्‍लान है, जो कर्मचारियों के लिए रिटायमेंट फंड जुटाता है और यह रकम कर्मचारियों के रिटायमेंट के वक्‍त मिलता है। यह ईपीएफ की तरह ही है और इसी आधार पर काम करता है।

कितना और कैसे होती है कटौती और क्‍या मिलता है लाभ?
सरकारी कर्मचारियों द्वारा सैलरी का 15 फीसदी तक GPF खाते में योगदान दिया जा सकता है। इसके तहत एक एडवांस फीचर मिलता है, इसमें कर्मचारी जरूरत पड़ने पर GPF खाते से तय रकम निकाल सकता है और बाद में उसे जमा कर सकता है। इस पर कोई टैक्स चार्ज भी नहीं वसूला जाता था, सरकार ने GPF की ब्‍याज दर 1 जुलाई 2021 से लेकर 30 सितंबर 2021 की तिमाही के लिए 7.1 प्रतिशत कर दिया गया है। इस स्कीम में भी तिमाही आधार पर ब्याज तय होता है।