1 अप्रैल से नया फाइनेंशियल ईयर शुरू होने जा रहा है इसी दिन से इनकम टैक्स और क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े नियमों में भी बदलावा होने जा रहा है। अगर आप टैक्सपेयर और क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करते हैं तो आपको इन नियम के बारे में जरूर जानना चाहिए। आपको बता दें अब क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले मुनाफे पर और लेनदेन पर टैक्स देना होगा। इसके साथ ही EPF में 2.5 लाख रुपये से अधिक के योगदान पर मिलने वाली ब्याज भी टैक्स के दायरे में आएगी। वहीं कोविड-19 के इलाज में खर्च होने वाला पैसा टैक्स छूट में शामिल किया जा सकेगा। आइए जानते हैं इन सभी नियमों के बारे में….
अपडेटेड IT रिटर्न फाइल करने की सुविधा – नए वित्त वर्ष में आयकरदाताओं के लिए एक विशेष सहूलियत दी गई है। अगर आप किसी गड़बड़ी या गलती को सुधारकर फिर से ITR भरना चाहते हैं तो भर सकते हैं। टैक्सपेयर अब रिलेवेंट असेसमेंट साल से दो वर्ष के भीतर एक अपडेटड रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।
राज्य सरकार के कर्मचारियों का NPS डिडक्शन – राज्य सरकार के कर्मचारी अब नियोक्ता द्वारा अपनी बेसिक सेलरी और महंगाई भत्ते के 14% तक NPS योगदान के लिए सेक्शन 80CCD (2) के तहत कटौती का दावा कर सकेंगे, जोकि केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए उपलब्ध कटौती के अनुरूप होगा।
PF अकाउंट पर देना पड़ सकता है टैक्स – नए आयकर कानून के अनुसार PF अकाउंट को दो हिस्सों में बांटा जाएगा जिसमें 2.5 लाख रुपये तक का योगदान टैक्स फ्री रहेगा।साथ ही इससे ऊपर के योगदान पर मिलने वाली ब्याज पर टैक्स देना होगा।
कोविड-19 के इलाज पर हुए खर्च में पर टैक्स में राहत – अगर कोई एम्प्लॉयर अपने एम्प्लॉई के लिए कोरोना इलाज का भुगतान करता है या किसी व्यक्ति ने दूसरे व्यक्ति के कोरोना इलाज के लिए भुगतान किया है तो उस राशि को टैक्स के दायरे में नहीं रखा जाएगा। आपको बता दें सरकार ने इसकी घोषणा जून 2021 में की थी जो इस फाइनेंशियल ईयर से लागू होगी।
क्रिप्टोकरेंसी की कमाई पर लगेगा टैक्स – वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट में क्रिप्टो करेंसी पर टैक्स लगाने की घोषणा की थी। इसके अनुसार 1 अप्रैल से क्रिप्टो करेंसी रखने पर 30 प्रतिशत टैक्स देना होगा। इसके साथ ही क्रिप्टो करेंसी बेचने पर 1 प्रतिशत टीडीएस भी कटेगा।