क्या आपने अपना पॉलिसी बॉन्ड खो दिया है? या आपका पॉलिसी बॉन्ड गलती से फट गया है? या पानी में गल गया है? तो चिंता करने की बात नहीं है। भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) अपने पॉलिसीधारकों को ये सहूलियत देता है कि अगर उनका पॉलिसी बॉन्ड खो जाए, फट जाए, गल जाए या किसी प्राकृतिक आपदा में नष्ट हो जाए तो वो डुप्लीकेट कॉपी बनवा सकते हैं। डुप्लिकेट पॉलिसी बॉन्ड का एक-एक स्टेप जानने से पहले ये समझ लेते हैं कि LIC का पॉलिसी बॉन्ड किस तरह का दस्तावेज है।

क्या है LIC का पॉलिसी बॉन्ड?

आपका पॉलिसी बॉन्ड एक महत्वपूर्ण कानूनी दस्तावेज है। यह दस्तावेज LIC की तरफ से बीमा का प्रस्ताव स्वीकार करने के बाद दिया जाता है। आप इसे अपने और भारतीय जीवन बीमा निगम के बीच हुए बीमा समझौते का मुख्य प्रमाण मान सकते हैं। पॉलिसी क्लेम करने के लिए इसी दस्तावेज की जरूरत होती है। यानी आप या आपका नॉमिनी अगर किसी दावे के लिए LIC के पास जाते हैं तो पॉलिसी बॉन्ड दिखाए बिना दावा नहीं कर सकते हैं। पॉलिसी पर ऋण लेना के लिए बॉन्ड की आवश्यकता होती है। LIC का सुझाव होता है कि, बॉन्ड की जानकारी अपने जीवनसाथी/अभिभावकों/नॉमिनी को बताएं कि पॉलिसी कहां रखी गई है। यदि आपने पॉलिसी बांड किसी व्यक्ति या कार्यालय को दिया है तो उनसे लिखित स्वीकृति ले लें। अपने पास पॉलिसी की फोटो कॉपी जरूर रखें।

पॉलिसी बॉन्ड खोने पर LIC का सुझाव

LIC कहता है, पॉलिसी बॉन्ड खो गई है, इस निष्कर्ष तक पहुंचने से पहले हर संभव उसकी तलाश करें। घर और कार्यालय में ढूंढ लें। एजेंट से पूछकर तसल्ली कर लें। यदि आपको यकीन हो जाए कि अब पॉलिसी बांड ढूंढा नहीं जा सकता है तो पॉलिसी बॉन्ड की डुप्लीकेट कॉपी के लिए अपनी शाखा में आवेदन करें।

कौन-कौन से दस्तावेजों की पड़ेगी जरूरत?

फोटो पहचान प्रमाण – पासपोर्ट, पैन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, सरकार द्वारा जारी व्यक्तिगत पहचान पत्र। (इनमें से कोई एक)

निवास प्रमाण – टेलीफोन बिल, बैंक स्टेटमेंट, बिजली बिल, राशन कार्ड, रेंट एग्रीमेंट जो तीन महीने से अधिक पुराना न हो। (इनमें से कोई एक)

पॉलिसी तैयार करने के लिए आवश्यक शुल्क शाखा के कैश काउंटर पर जमा करना होगा।

आदेवन कैसे करें?

सबसे पहले पॉलिसी बॉन्ड खो जाने के संबंध में न्यूज पेपर में एक विज्ञापन छपवाना होता है। फिर कम से कम एक महीने तक इंतजार करना होता है। विज्ञापन देने के एक माह बाद भी यदि आपकी पॉलिसी न मिले, तब डुप्लीकेट पॉलिसी बॉन्ड के लिए आदेवन किया जा सकता है। विज्ञापन देने से पहले LIC की गाइडलाइन जरूर चेक कर लें, क्योंकि यह पूरी प्रक्रिया LIC के नियमों पर निर्भर करता है। LIC के मुताबिक, एक डुप्लीकेट पॉलिसी अपने मालिक को मूल पॉलिसी के समान अधिकार और विशेषाधिकार प्रदान करता है। इसलिए डुप्लीकेट पॉलिसी बॉन्ड को लेकर कोई संशय न पालें।

डुप्लीकेट पॉलिसी बॉन्ड के लिए शाखा जाकर ही आवेदन करना होगा क्योंकि अभी इसके लिए ऑनलाइन सुविधा प्राप्त नहीं है। आवेदन में अपनी पॉलिसी से संबंधित विस्तृत जानकारी देनी होतो है, जैसे आपका नाम, नॉमिनी का नाम, पत्ता, जन्म तिथि आदि। इसके अलावा एक स्टाम्प पेपर की भी जरूरत होती है। साथ ही डुप्लिकेट पॉलिसी शुल्क जमा करना होता है।

इसके बाद LIC आपके की ओर से दी गई सभी जानकारियों की पड़ताल करता है। यदि उपलब्ध कराई गई जानकारी सही पायी जाती है तो डुप्लीकेट पॉलिसी बॉन्ड बनाकर आपको दे दी जाती है। इस पॉलिसि बॉन्ड पर डुप्लीकेट लिखा होता है। लेकिन इससे पॉलिसी के किसी शर्तों और नियमों में कोई परिवर्तन नहीं होता।