हाल ही में ईपीएफओ के बोर्ड द्वारा पीएफ ब्याज दर को 8.5 फीसदी से घटाकर 8.1 फीसदी कर दिया है पीएफ पर ब्याज दर घटने से देश के करीब 6 करोड़ नौकरीपेशा लोगों को झटका लगा है। पीएफ पर इस वित्त वर्ष 2021-22 में मिलने वाली ब्याज दर पिछले 43 सालों में सबसे कम ब्याज दर है। इससे पहले वित्त वर्ष 1977-78 में 8 फीसदी की ब्याज कर दी गई थी जिसके बाद से इसमें लगातार बढ़ोतरी हुई। हाल के वर्षो में सभी छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दर में गिरावट आई है।

बात करें तो ईपीएफओ के नियम के मुताबिक कर्मचारी और नियोक्ता द्वारा बेसिक सैलरी का 12-12 फीसदी पीएफ के लिए योगदान दिया जाता है। पीएफ किसी भी नौकरीपेशा व्यक्ति के रिटायरमेंट की भविष्य निधि होती है। इसके लिए ईपीएफओ इस पैसे का बेहद सावधानी के साथ निवेश करता है ताकि सभी नौकरी पेशा लोगों के भविष्य को सुरक्षित रखा जा सके। आइए जानते हैं कि ईपीएफओ अपना सारा पैसा कहां निवेश करता है।

ईपीएफओ (EPFO) पैसा निवेश करने के लिए अपनी रूल बुक को फॉलो करता है। ज्यादातर पैसा ईपीएफओ के द्वारा ऐसी जहां निवेश अधिक सुरक्षित हो और डूबने का खतरा ना हो। वहीं रूल बुक की बात की जाए तो ईपीएफओ का 85 फीसदी पैसा डेट (Debt) और बाकी 15 फीसदी इक्विटी में म्यूचुअल फंड ईटीएफ के जरिए निवेश किया जाता है।

डेट फंड के तहत अधिकतर पैसा गवर्नमेंट सिक्योरिटी जैसे बॉन्ड आदि को शामिल किया जाता है। ईपीएफओ की रूल बुक के मुताबिक उसे फंड का कम से कम 45 फ़ीसदी और अधिक से अधिक 65 फ़ीसदी निवेश सरकारी बॉन्ड आदि में करना होता है। बाकी बचे 20 से 50 फीसदी पैसे का इस्तेमाल ईपीएफओ के द्वारा अन्य कॉर्पोरेट संस्थाओं जैसे बैंक, फाइनेंस इंस्टीट्यूट आदि में निवेश के लिए उपयोग किया जाता है।

इक्विटी इन्वेस्टमेंट के तहत ईपीएफओ अपना पैसा जरूरत के हिसाब से म्यूचुअल फंड और ईटीएफ में निवेश करता है। इसके अलावा 5 हजार करोड़ से अधिक पूंजीकरण वाली कंपनियों में ईपीएफओ सीधे भी निवेश कर सकता है।