इनकम टैक्‍स रिटर्न भरने की लास्‍ट डेट को 31 जुलाई से आगे खिसकाकर 30 सितंबर 2021 कर दिया गया है। इस कोरोना काल में डिपार्टमेंट की ओर से रिटर्न भरने में काफी रियायत दी है। जो लोग काफी सालों से रिटर्न भरते हुए आ रहे हैं उनके सामने डॉक्‍युमेंटेशन एकत्र करना कोई बडी बात नहीं है। समस्‍या उन लोगों के सामने आती है जो पहली बार रिटर्न भरते हैं। उन्‍हें इस बात की ज्‍यादा जानकारी नहीं होती है कि उन्‍हें रिटर्न भरने के लिए किन-किन डॉक्‍युमेंट्स की जरुरत पडती है। आज हम उन लोगों को यही बताने जा रहे हैं कि आईटीआर भरने के लिए आपको किन-किन डॉक्‍युमेंट्स भरने की जरुरत पडती है।

फॉर्म-16 : नौकरी करने वाले लोगों के लिए फॉर्म-16 काफी जरूरी डॉक्‍युमेंट होती है। जिसके आधार पर आप आईटीआर फाइल कर सकते हैं। यह डॉक्‍युमेंट इंप्‍लॉई को उनकी कंपनी की ओर से दिया जाता है। जिसमें इंप्‍लॉई के टैक्‍स कटने की पूरी डिटेल्‍स होती हैं। इसके अलावा सैलरी की भी पूरी जानकारी होती है। आपको बता दें कि‍ इंप्‍लॉयर को फॉर्म-16 देना जरूरी होता है।

फॉर्म 26एएस : इस फॉर्म को इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट की ओर से जारी किया जाता है। इस फॉर्म में किसी भी व्‍यक्ति की इनकम पर लगे टैक्‍स की पूरी जानकारी होती है। इस फॉर्म को इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट की वेबसाइट से पैन नंबर डालकर निकाला जा सकता है। आप अपने फॉर्म 16 और फॉर्म 26एएस का कंपैरिजन भी कर सकते हैं। ताकि पता चल सके कि दोनों में टैक्स कटौती एक जैसी है या नहीं।

सर्टिफिकेट ऑफ इनकम बाय इंट्रस्‍ट : बैंक या पोस्‍ट ऑफ‍िस में आपने एफडी कराई है या फिर किसी सरकारी योजना में निवेश कर ब्‍याज से कमाई कर रहे हैं तो उस इनकम का सर्टिफिकेट या फिर बैंक स्टेटमेंट होना जरूरी है। बता दें कि आप इनकम टैक्‍स कानून की धारा 80 टीटीए के तहत 10 हजार रुपए तक की ब्याज से हुई कमाई पर टैक्स छूट पा सकते हैं।

टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट के डॉक्‍युमेंट : अगर आपने टैक्‍स बचाने के लिए कई जगहों पर निवेश किया होता है। कई लोग इस तरह की सेविंग के डॉक्‍युमेंट्स इंप्‍लॉयर को नहीं दे पाते हैं। ऐसे में उन्‍हें रिटर्न जमा करते वक्‍त अपने इंवेस्‍टमेंट के डॉक्‍युमेंट्स जमा करने होते हैं। ये टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट प्रूफ एलआईसी प्रीमियम की रसीद, पीपीएफ में निवेश की पासबुक, ईएलएसएस का सबूत, दान की रसीद, ट्यूशन फीस की रसीद आदि हो सकती है।

इन डॉक्‍युमेंट्स की जरुरत : सेक्शन 80डी के तहत आप 25 हजार रुपए तक हेल्थ इंश्योंरेस प्रीमियम पर टैक्स छूट क्लेम कर सकते हैं। इस तरह की पॉलिसी आपके लाइफ पार्टनर के लिए, बच्चों के लिए भी हो सकती है। अगर आप सीनियर सिटिजन हैं तो आप 50 हजार रुपए तक हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स छूट ले सकते हैं। तो इन सबकी रसीद भी आयकर रिटर्न फाइल करते वक्त अपने साथ रखें।