आयकर विभाग रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई तय है। सरकार की ओर से इसे लेकर कहा गया है कि अब इसकी डेडलाइन को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। ऐसे में अगर आपने आईटीआर को फाइल नहीं किया है तो आप तुरंत फाइल कर लें, वरना 31 जुलाई के बाद आपको आईटीआर फाइल करने के लिए पेनाल्टी देना होगा। आईटीआर दाखिल करने में कई चीजों की आवश्यकता होती है, इसी में AIS और फॉर्म 26AS भी शामिल हैं। आइए जानते हैं इनके बीच क्या अंतर है और ये कहां कहां पर काम आते हैं।
क्या है AIS
एनुअल इफॉमेशन स्टेटमेंट आपके वित्त वर्ष के ट्रांजैक्शन की पूरी जानकारी रखता है। यानी कि आपने पूरे साल में कहां-कहां और कितना ट्रांजैक्शन किया है या खर्च किया है, इसके तहत पूरी जानकारी होती है। AIS आईटीआर फाइल करने में बहुत ही काम आता है।
AIS में किस तरह की होती है जानकारियां?
इसमें ट्रांजैक्शन की एडिशनल जानकारी होती है, जिसमें ब्याज दर, डिवाइडेंड, सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन, म्युचुअल फंड, विदेश भेजे गया पैसा आदि की पूरी जानकारी होती है। टैक्सपेयर इसे पीडीएफ, JSON, CSV फॉर्मेट में डाउनलोड कर सकते हैं।
कैसे डाउनलोड करें AIS
- सबसे पहले इनकम टैक्स की वेबसाइट पर जाएं
- अब ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉग इन करने के बाद सर्विस टैब में एआईएस पर क्लिक करें।
- इसके बाद आप संबंधित वित्त वर्ष का चयन करें और एसआई इंफॉर्मेशन पर क्लिक करें, जिसके बाद आप फॉर्म को डाउनलोड कर लेंगे।
क्या होता है 26AS फॉर्म?
इसके तहत वित्त वर्ष के दौरान टैक्स की कटौती, कलेक्टेड और पैन की पूरी जानकारी होती है। आईटीआर फाइल करने के दौरान एक टैक्सपेयर के पास टैक्स पासबुक, 26AS फॉर्म और वित्त वर्ष के दौरान ट्रांजैक्शन की जानकारी पैन के साथ होनी चाहिए।
26AS में किस तरह की जानकारी होती है?
इसमें टैक्स कटौती का सोर्स और टैक्स वसूलकर्ता की जानकारी के साथ सेल्फ असेसमेंट टैक्स, एडवांस टैक्स, टैक्स रिफंड, एनुअल इंफॉर्मेंश रिपोर्ट, हाई वैल्यू ट्रांजैक्शन, प्रॉपर्टी पर टैक्स कटौती, हाई वैल्यू अमाउंट पर टैक्स कटौती और अन्य टैक्स कटौती संबंधी पूरी जानकारी होती है। इसे डाउनलोड के लिए इनकम टैक्स वेबसाइट पर जाएं और ई-फालिंग के मेन्यू बार में इनकम टैक्स रिटर्न को सेलेक्ट करें और अब यहां आप 26AS फॉर्म को देख सकते हैं।