आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2021-22 का आयकर रिर्टन भरने के लिए फॉर्म अधिसूचित किए हैं। इनमें करदाताओं से विदेशी सेवानिवृत्ति लाभ खातों से होने वाली आय की जानकारी मांगी गई है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आयकर रिटर्न फॉर्म 1-5 को अधिसूचित किया है। आईटीआर फॉर्म 1 (सहज) और आईटीआर फॉर्म 4 (सुगम) सरल रूप हैं। यह बड़ी संख्या में छोटे और मध्यम करदाताओं की जरूरतों को पूरा करते हैं। सहज फॉर्म 50 लाख रुपये तक की आय वाले वे व्यक्ति भर सकते हैं जो वेतन, एक मकान / अन्य स्रोतों (ब्याज आदि) से आय प्राप्त करते हैं।

जबकि आईटीआर-4 वे व्यक्ति, हिंदू अविभाजित परिवार (एचयूएफ) और कंपनियां भर सकती हैं जिनकी आय कारोबार और पेशे से 50 लाख रुपये तक है। आईटीआर-तीन वे व्यक्ति भर सकते हैं जिन्हें कंपनियों/पेशे से लाभ के रूप में आय प्राप्त होती है। जबकि आईटीआर-5 सीमित दायित्व भागीदारी (एलएलपी) द्वारा भरा जाता है। आईटीआर-1 मोटे तौर पर पिछले वर्ष की तरह ही है, बस जो नई जानकारी इसमें मांगी गई है वह है शुद्ध वेतन की गणना के लिए किसी अन्य देश में सेवानिवृत्ति लाभ खाते से होने वाली आय।

टैक्स एक्सपर्ट के अनुसार आईटीआर फॉर्म 1 से 6 तक के नोफाइड का मतलब बताया

ITR Form 1 या सहज: यह उन कमाई करने वाले व्यक्तियों के लिए है जो वेतनभोगी हैं और उनकी कोई अन्य आय नहीं है जैसे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन आदि और उनकी वार्षिक आय 50 लाख रुपये से कम है।

ITR Form 2: यह उनके लिए है जो वेतनभोगी हैं और जिनकी आय अन्य स्रोत से है लेकिन बिजनेस से नहीं। दूसरे शब्दों में बिजनेस इनकम कैटेगरी के अलावा अन्य टैक्सपेयर्स इस आईटीआर फॉर्म 2 को दाखिल कर सकते हैं।

ITR Form 3: जिनके पास बिजनेस इनकम है वे यह फॉर्म दाखिल करेंगे।

ITR Form 4 (सुगम) : यह बड़े बिजनेस इनकम ग्रुप टैक्सपेयर्स के लिए है जो इस फॉर्म में अपने सालाना टर्नओवर का अनुमानित आंकड़ा दे सकते हैं।

ITR Form 5 : यह उन टैक्सपेयर्स के लिए है जो एक पार्टनरशिप फर्म से कमाते हैं।

ITR Form 6 : यह सेक्शन 11 के अलावा अन्य रजिस्टर्ड कंपनियों के लिए है।

आईटीआर फॉर्म 1 को पहले की तरह ही रखा गया है। इसमें केवल नेट सैलरी की गणना के लिए ओवरसीज रिटायमेंट बेनिफिट अकाउंट्स से इनकम को शामिल किया गया है। इस इस बारे में भी डिटेल्स मांगता है कि, उक्त अकाउंट आईटी एक्ट की धारा 89A के तहत के तरह एक नोटिफाइड देश में बनाए रखा गया है या नहीं। टैक्सपेयर्स इस आय पर सेक्शन 89A के तहत राहत का दावा भी कर सकते हैं।

1 अप्रैल से आयकर के इन नियमों में भी हुआ बदलाव – इसके अलावा, 1 अप्रैल से नए फाइनेंशियल ईयर की शुरुआत साथ ही कई नियम में बदलाव हुआ है। जिसमें क्रिप्टो टैक्स, संशोधित टीडीएस और टीसीएस दरों, आईटीआर फाइलिंग नियम सहित आयकर से संबंधित कई बदलाव लागू हो गए हैं।

(इनपुट सहित : पीटीआई/भाषा)