सामान्य तौर पर किसी भारतीय नागरिक को अपना आयकर रिटर्न (Income Tax Return) जमा करना होता है, अगर उसकी आय आयकर अधिनियम की विभिन्न धाराओं जैसे 10(38), 10A, 10B, 10BA, 54, 54B, 54D, 54EC, 54F, 54G, 54GA, 54GB, 80C और 80U के तहत दी गई छूट के बिना सरकार की ओर से तय की गई आयकर छूट सीमा तक पहुंचती है।

आयकर स्लैब में छूट की सीमा:

  • 60 साल से कम उम्र के लोगों को 2.5 लाख रुपए तक की आय अर्जित करने पर आयकर से छूट दी गई है।
  • 80 साल तक लोगों को 3 लाख रुपए तक की आय अर्जित करने पर आयकर से छूट दी गई है।
  • 80 साल से अधिक के लोगों को 5 लाख रुपए तक की आय अर्जित करने पर आयकर से छूट दी गई है।

अगर आपकी आय ऊपर दी गई सीमा से कम है तो आपको कुछ विशेष परिस्थितियों में आयकर जमा करना पड़ा सकता है।

टीडीएस (TDS): अगर आपकी आय सरकार की ओर से तय की गई आयकर में छूट की सीमा के अंदर ही है और आपकी आय के स्त्रोत में कही भी टीडीएस (Tax Deducted at Source) काटा गया है, तो आपको आयकर रिटर्न जमा करना होगा।

चालू खाते में जमा: आपकी आय में पिछले साल कोई भी टीडीएस नहीं कटा है फिर भी आपको आयकर जमा करना पड़ सकता है। बता दें, अगर आप अपने कारोबार का संचालन के लिए किसी भी बैंक में चालू खाता खुलवाया है और उसमें एक वित्त वर्ष में एक करोड़ रुपए से अधिक का लेनदेन किया है, तो आपको आयकर जमा करना होगा।

विदेशों में यात्रा पर खर्च: अगर आपके पिछले वित्त वर्ष के दौरान विदेश यात्रा पर 2 लाख रुपए से अधिक खर्च किये हैं, तो भी आपको अपना आयकर जमा करना होगा।

बिजली बिल: अगर अपने एक वित्त वर्ष में बिजली बिल पर कुल 1 लाख रुपए से अधिक का खर्चा किया है, लेकिन आय दी छूट से कम है और कोई भी टीडीएस आपका नहीं कटा है, फिर भी आपको अपना आयकर जमा करना होगा।