होम लोन लोगों के घर खरीदने के सपने को साकार करने के साथ ही उनकी बचत सुरक्षित करता है। हालांकि आरबीआई की ओर से ब्याज दरों में बढ़ोतरी के बाद सार्वजनिक और निजि बैंकों ने होम लोन के ब्याज को बढ़ा दिया है। ऐसे में होम लोन आपके लिए थोड़ा महंगा हो सकता है, लेकिन अगर आप कुछ बैंकों से कंपेयर करके होम लोन लेते हैं तो यह आपके लिए बेहतर हो सकता है।
होम लोन लेने के दौरान लोगों को अपने नौकरी और आय के श्रोत आदि के बारे में जानकारी देनी होती है। ऐसे में कंपनी के कर्मचारी होम लोन का लाभ उठा सकते हैं, लेकिन अगर आप कंपनी के कर्मचारी नहीं है तो भी आपको होम लोन मिल सकता है। इसके लिए कुछ शर्त और नियम को जानना जरूरी है।
अगर आप सेल्फ एम्पलाई हैं तो आपको होम लोन दिए जाने की गणना कई तरीके से की जाती है। लोन का अमाउंट भी लोन की अवधि और ब्याज के आधार पर तय किया जाएगा। आमतौर पर सेल्फ कर्मचारी के लिए होम लोन की योग्यता आयु के हिसाब से भी तय किया जाती है। ज्यादा अधिक उम्र होने पर होम लोन नहीं दिया जाता है।
इसके अलावा, ब्याज की गणना बैंक की ओर से लोन अवधि को लेकर किया जाता है। आपको होम लोन क्रेडिट जांच, सिबिल स्कोर, वर्तमान संपत्ति, आपके व्यवसाय और नकदी जैसे कई कारकों के आधार पर तय किया जाता है। होम लोन लेने के लिए आपके पास कांट्रेक्ट की कॉपी और रसीद का प्रमाण जैसे- बैंक स्टेटमेंट, टीडीएस प्रमाणपत्र आदि मांगा जाता है।
सभी दस्तावेजों की जांच और फाइल आयकर रिटर्न के आधार पर एक अनुमानित पात्रता की गणना की जाएगी। वहीं अगर आप सेल्फ एम्पलाई हैं तो आप अपने परिवार के सदस्य को जोड़कर पात्रता बढ़ा सकते हैं और ब्याज दर, लोन चुकौती अवधि आदि जैसी बेहतर शर्तें प्राप्त कर सकते हैं।
कई कर्जदाताओं के पास अलग-अलग गारंटी विकल्प उपलब्ध हैं, जो आपकी चुकौती अवधि को अधिकतम 30 वर्षों तक बढ़ाने में आपकी मदद कर सकते हैं। इसके अलावा होम लोन में किसी अन्य को भी शामिल करने से आपके लोन की राशि भी बढ़ सकती है और आप इसका लाभ उठा सकते हैं।