एजुकेशन आपको जहां आपको अपने करियर में आगे बढ़ने में काफी सहायक होती है, वहीं दूसरी ओर सरकार आपको कई तरह की टैक्‍स बेनिफ‍िट्स भी देती है। एजुकेशन पर मोटे तौर पर तीन तरह के टैक्‍स बेनिफ‍िट्स दिए जाते हैं। जिससे किसी भी टैक्‍सपेयर्स को काफी राहत मिल सकती है। फ‍िर चाहे वो सेक्‍शन 80 सी के तहत मिलने वाला बेनिफ‍िट हो या फ‍िर एजुकेशन लोन पर मिलने वाला टैक्‍स बेनिफ‍िट। आइए आपको भी बताते हैं कि आख‍िर एजुकेशन से संबंध‍ित किस तरह से आपको टैक्‍स बेनि‍फ‍िट्स मिलते हैं।

धारा 80 सी के तहत राहत
भारत में फुल टाइम एजुकेशन पर खर्च होने वाली ट्यूशन फीस पर आप इनकम टैक्‍स पर 1.50 लाख रुपए का क्‍लेम कर सकते हैं। इसमें शर्त यह है कि आपके दो से ज्‍यादा बच्‍चे नहीं होने चाहिए। दो से ज्‍यादा बच्‍चों की ट्यूशन फीस पर आप क्‍लेम नहीं कर सकते हैं। इसका आप पीएफ कंट्रीब्‍यूशन और पीपीएफ, होम लोन रीपेमेंट, लाइफ इंश्‍योरेंस पॉलिसी आदि की तरह फायदा उठा सकते हैं। यह बेनिफ‍िट किसी भी स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी या किसी दूसरे एजुकेशनल इंस्‍टीट्यूशन में एजुकेशन के लिए अवेलेबल है।

टैक्‍स एक्‍सपर्ट के अनुसार यह बेनिफ‍िट किसी टैक्‍सपेयर को ट्यूशन फीस पर ही मिलेगा। अगर कोई डोनेशन या फ‍िर क‍िसी और मद के लिए क्‍लेम करता है तो बेनिफ‍िट नहीं मिलेगा। यदि आपके दो से अधिक बच्चे फुल टाइम एजुकेशन प्राप्‍त कर रहे हैं तो आप सि‍र्फ दो ही बच्‍चों की एजुकेशन पर होने वाले खर्च का लाभ ले पाएंगे। वहीं अगर आपका लाइफ पार्टनर भी जॉब कर रहा हो और इनकम टैक्‍सपेयर है तो तीसरे बच्‍चे की एजुकेशन पर होने वाले खर्च का क्‍लेम कर सकता है। ध्यान देने वाली बात यह है कि धारा 80 सी के तहत क्‍लेम सिर्फ फुल टाइम एजुकेशन पर किया जा सकता है। ना कि किसी कॉरेपोंडेंस कोर्स के लिए। वहीं अगर आपका बच्‍चा भारत में ही फुल टाइम स्‍टडी कर रहा है तो ही आप डिडक्‍शन क्‍लेम कर सकते हैं विदेशी पढ़ाई के लिए क्‍लेम नहीं किया सकता है।

एजुकेशन लोन पर चुकाए गए ब्याज पर टैक्स बेनिफिट
ट्यूशन फीस के अलावा टैक्‍सपेयर्स धारा 80ई के तहत हायर एजुकेशन के लिए लिए गए एजुकेशन लोन पर भुगतान किए गए ब्याज पर भी टैक्‍स डिडक्‍शन क्‍लेम किया जा सकता है। आप इस बेनिफ‍िट का क्‍लेम खुद के लिए, जीवनसाथी और अपने बच्चों के लिए कर सकते हैं। आप इसका क्‍लेम उस बच्चे के लिए भी कर सकते हैं जिसके आप लीगल गार्जियन हैं।

जिस साल से आप लोन चुकाना शुरू करते हैं, उस साल से लगातार आठ साल तक इस डिडक्‍शन का क्‍लेम किया जा सकता है। इस डिडक्‍शन का क्‍लेम केवल भुगतान के आधार पर किया जा सकता है। इसलिए यदि आप किसी विशेष वर्ष में अपने एजुकेशन लोन पर बकाया ब्याज का भुगतान करते हैं, तो आप उस वर्ष के दौरान भुगतान किए गए पूर्ण ब्याज का दावा कर सकेंगे। एजुकेशन लोन पर ब्याज के लिए डिडक्‍शन क्‍लेम करने के लिए कोई मोनेटरी लिमिट नहीं है।

इसके अलावा, आप पार्ट टाइम और फुल टाइम कोर्स के लिए गए एजुकेशन लोन का लाभ टैक्‍स बेनिफ‍िट में ले सकते हैं। खास बात तो ये है कि अगर आपने एजुकेशन किसी विदेशी यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने के लिए लिया है तो भी आपको टैक्‍स में बेनिफ‍िट दिया जाएगा। इसका बेनिफ‍िट के लिए आपका लोन किसी ऐसे वित्तीय संस्थान या किसी अनुमोदित धर्मार्थ संस्थान से लिया गया हो जो भारत सरकार से एफ‍िलिएटिड है। अगर आप एजुकेशन के लिए अपने दोस्तों या रिश्तेदारों से उधार लेते हैं, तो आप इस कटौती का दावा नहीं कर सकते।

सैलरीड लोगों को मिलती है इस तरह की छूट
वहीं कई टैक्‍सपेयर्स को उनके इंप्‍लॉयर की ओर से एजुकेशन अलाउंस भी दिया जाता है। आपके दो बच्चों में से प्रत्येक के लिए 100 रुपए प्रति माह का एजुकेशन अलाउंस होता है। वहीं इंप्‍लॉयर की ओर से हॉस्‍टल अलाउंस भी है जो प्रत्‍येक बच्‍चे के लिए 300 रुपए प्रति माह है। ध्यान देने वाली बात यह है कि अलाउंस को छूट के रूप में तभी माना जाएगा जब आपने अपने इंप्‍लोयर दिए गए अलाउंस के अगेंस्‍ट खर्च किया हो। इसके अलावा, आप इन छूटों का दावा तब तक नहीं कर सकते जब तक कि आपका नियोक्ता आपको आपके वेतन के घटक के रूप में ऐसा भत्ता प्रदान नहीं करता है।