शेयर बाजार में लगातार गिरावट हो रही है और क्रिप्‍टोकरेंसी बुरी तरह से प्रभावित हुई है। ऐसे में पोस्‍ट ऑफिस के छोटी बचत योजना में निवेश करने वाले लोगों को बड़ी खुशखबरी मिल सकती है, क्‍योंकि छोटी बचत योजनाओं पर अधिक ब्‍याज मिल सकता है। पिछले एक साल में सरकारी बॉन्ड यील्ड तेजी से बढ़ा है, जिससे उम्मीद है कि इन बॉन्ड से जुड़ी छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में भी बढ़ोतरी होगी।

2011 में गोपीनाथ समिति के अनुसार, छोटी बचत दरें समान अवधि की सरकारी सिक्‍यूरिटी का एवरेज यील्‍ड की तुलना में 25-100 आधार अंक अधिक होना चाहिए। इस कारण ब्‍याज दरों में बढ़ोतरी हो सकती है। ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 12 महीनों में बेंचमार्क 10-वर्षीय बॉन्ड यील्ड 140 बेसिस पॉइंट हो चुका है। इस दौरान यह 6.04 प्रतिशत से बढ़कर 7.46 प्रतिशत हो चुका है और अप्रैल-जून तिमाही में इसका औसत 7.31 प्रतिशत रहा है।

रिपोर्ट के अनुसार, अगर छोटी बचत दरों में बढ़ोतरी की जाती है, तो आरबीआई के फ्लोटिंग रेट बॉन्ड में निवेशकों को भी फायदा होगा, क्‍योंकि इन बांडों की ब्याज दर एनएससी से जुड़ी हुई है। जो एनएससी की तुलना में 35 बीपीएस अधिक की पेशकश करते हैं। एनएससी की दर 6.8 है और आरबीआई फ्लोटिंग रेट बांड 7.15 प्रतिशत दे रहा है।

वहीं यह भी कहा गया है कि इस नियम का हर समय पालन नहीं किया गया है। जनवरी-मार्च 2021 तिमाही में औसत 10-वर्षीय बॉन्ड यील्ड 6 प्रतिशत से कम थी, जिसका अर्थ है कि PPF की दर लगभग 6.25 प्रतिशत होनी चाहिए, जबकि वरिष्ठ नागरिकों की बचत योजना की ब्‍याज दर 6.75 फीसद से अधिक नहीं होना चाहिए।

इसी तरह, मार्च 2021 में ब्याज दरों में कमी की गई। पीपीएफ दर 6.4 प्रतिशत है तो वरिष्ठ नागरिक बचत योजना 6.5 प्रतिशत और सुकन्या योजना 6.7 प्रतिशत कर दी गई। इसने भारी हंगामा किया, जिससे सरकार को कटौती वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। तब से छोटी बचत दरों में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।

अब जब सरकारी बॉन्ड यील्ड काफी बढ़ गया है तो सरकार छोटी बचत दरों में बढ़ोतरी कर सकती है। यह बढ़ोतरी गोपीनाथ समिति के फार्मूले के अनुसार होगी या नहीं, यह तय नहीं है।