कोरोना महामारी के दौरान केंद्र सरकार ने जनवरी 2020 से केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते और महंगाई राहत पर रोक लगा दी थी। जिसे हाल ही बहाल कर दिया गया है। साथ इसे 17 फीसदी से बढाकर 28 फीसदी तक कर दिया गया है। अब सवाल यह है कि आखिर इस इस दौरान केंद्र सरकार ने महंगाई भत्ता और महंगाई राहत पर रोककर लगाकर कितने रुपए बचाए। उन रुपयों को बचाकर सरकार ने क्या किया।
अब इस बात की जानकारी सरकार ने खुद संसद में दी है। देश की वित्त मंत्री ने संसद में इस बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा है कि 18 महीनों में डीए और डीआर ना देकर सरकार ने 34 हजार रुपए से ज्यादा की सेविंग की है। जिसका इस्तेमाल आर्थिक जरुरतों को पूरा करने के साथ कई कामों में किया गया है। आइए आपको भी बताते हैं कि उन्होंने संसद में और क्या कहा है।
सरकार ने की 34 हजार करोड से ज्यादा की सेविंग : देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जानकारी देते हुए कहा कि कोरोना काल में केंद्रीय कर्मचारियों का डीए और पेंशनर्स का डीआर रोककर 34,402 करोड रुपए बचाए हैं। जिसके बाद वित्त मंत्री ने इसके पीछे कारण भी बताया है। उन्होंने कारण बताते हुए कहा कि कोविड की वजह से पैदा हुए आर्थिक संकट का सामना करने के लिए सरकारी खजाने से बोझ को कम करने काफी जरूरी था। सरकार ने यही फैसला देशहित में लिया था।
सरकार ने और भी उठाए हैं कदम : देश की वित्त मंत्री ने आगे बताते हुए कहा कि सरकार ने डीए और डीआर के साथ 1 अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2021 तक 12 महीने की अवधि के लिए संसद सदस्यों और केंद्रीय मंत्रियों के वेतन में भी 30 फीसदी तक की कटौती की थी। उन्होंने यह भी कहा कि कर्मचारियों की सैलरी या डीए में किसी तरह की कटौती नहीं की गई थी। उन्हें कोरोना काल में पूरा वेतन दिया जाता रहा है। उन्होंने कहा कि डीए और डीआर में इजाफे को फ्रीज किया गया था।
17 फीसदी से 28 फीसदी किया डीए : आपको बता दें कि केंद्र सरकार के 48.34 लाख कर्मियों और 65.26 लाख पेंशनर्स के डीए और डीआर को बहाल कर दिया है। साथ इन्हें 17 से फीसदी से बढाकर 28 फीसदी कर दिया गया है। जिसे जुलाई 2021 से लागू किया गया है। वैसे सरकार को अभी जून 2021 के महंगाई भत्ते का भी ऐलान करना है। जिसके 3 फीसदी के बढने के आसार दिखाई दे रहे हैं। जिसके बाद देश के कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 28 फीसदी से 31 फीसदी तक हो जाएगा।