Cryptocurrency ऊंचे जोखिम वाला क्षेत्र! इधर ओमीक्रॉन के चलते बड़ी गिरावट, उधर हैकर्स ने चुराए टोकन; FM बोलीं- हम लोगों को आगाह कर रहे निवेश के लिहाज से युवा पीढ़ी के बीच कम समय में पॉपुलर होने वाली क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) कोरोना वायरस के ओमीक्रॉन वेरियंट की वजह से बुरी तरह प्रभावित हुई। डिजिटल टोकन में महामारी के नए स्ट्रेन की वजह से बड़ी गिरावट आई है। जिस बिटक्वॉइन का दाम 15 दिनों पहले करीब 68 हजार अमेरिकी डॉलर था, वह खिसक कर शनिवार (चार दिसंबर, 2021) तक 42,296 यूएस डॉलर पर आ पहुंचा। सिर्फ एक घंटे के भीतर इसमें 10 हजार डॉलर का भाव गिर गया।
हालांकि, जुलाई में इसका भाव 30 हजार डॉलर था, जबकि कहा जाता है कि साल 2021 में इसने 60 प्रतिशत का लाभ दिया। फिर भी ताजा कमी के बाद शनिवार को क्रिप्टो मार्केट से तकरीबन 2.4 अरब डॉलर की राशि निकाल ली गई। एक्सपर्ट्स के मुताबिक, सात सितंबर, 2021 के बाद एक दिन में किया जाने वाला सबसे बड़ा विथड्रॉल है।
इसी बीच, क्रिप्टोकरेंसी की सुरक्षा को लेकर थोड़ी चिंतित खबर आई। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हैकरों ने लगभग 900 करोड़ से अधिक के क्रिप्टो टोकन चुरा लिए। उन्होंने इस वारदात को ब्लॉकचेन बेस्ड डिसेंट्रलाइज्ड फाइनैंस प्लैटफॉर्म बेजरडीएओ के जरिए अंजाम दिया। बैजर का कहना है कि उसे यूजर फंड से अनजान विथड्रॉल/निकासी की जानकारी मिली है। हालांकि, मामले की जांच पड़ताल की जा रही है।
चल रही अटकलें ‘ठीक बात’ नहीं- FM: इस बीच, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि क्रिप्टोकरेंसी पर कई तरह की अटकलें चल रही हैं और ये अटकलें अच्छी बात नहीं हैं। सरकार द्वारा क्रिप्टोकरेंसी के विनिमयन की तैयारियों के बीच उनका यह बयान आया है। ‘एचटी लीडरशिप समिट’ में वह बोलीं कि अच्छी तरह से विचार-विमर्श के बाद तैयार किया गया विधेयक मंत्रिमंडल की मंजूरी के बाद निश्चित रूप से संसद में आने जा रहा है। बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी एवं आधिकारिक डिजिटल मुद्रा का नियमन विधेयक, 2021 को लोकसभा के बुलेटिन-भाग दो में शामिल किया गया है। इसे शीतकालीन सत्र में ही पेश किया जाएगा।
“लोगों को क्रिप्टोकरेंसी से आगाह कर रहे”: हफ्ते की शुरुआत में राज्यसभा में सीतारमण ने कहा था कि नए विधेयक में वर्चुअल मुद्रा के क्षेत्र में आ रहे बदलावों का ध्यान रखा जाएगा और इसमें पुराने विधेयक की उन चीजों को भी शामिल किया जाएगा जिन्हें पहले नहीं लिया जा सका था। उन्होंने कहा कि सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) लोगों को क्रिप्टोकरेंसी से आगाह कर रहे हैं। यह काफी ऊंचे जोखिम वाला क्षेत्र है।
नहीं है किसी का क्रिप्टो पर कंट्रोल!: क्रिप्टोकरेंसी भले ही कम समय में कम समय में आकर लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बनी हो, मगर अभी भी यह बेहद जोखिम भरी मानी जा रही है। दरअसल, इस पर किसी मुल्क के केंद्रीय बैंक या सरकार या संस्था का कंट्रोल नहीं है, जबकि रुपए, डॉलर या अन्य किसी विदेशी मुद्रा पर जारीकर्ता देश के बैंक या बड़ी संस्था का हाथ होता है। यह पूरी तरह से विकेंद्रित है और यही वजह है कि यह बहुत जोखिम भरी मानी जाती है।