आपने कई बार NEFT, RTGS और IMPS के जरिए पैसे ट्रांसफर किए होंगे। लेकिन अभी तक आप शायद इनका पूरा नाम और प्रोसेस का तरीका नहीं जानते होंगे। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। क्योंकि हम आपको NEFT, RTGS और IMPS के बारे में वो सब जानकारी देने वाले हैं। जिसके जरिए आप अपनी जरूरत के हिसाब से पैसे ट्रांसफर करने का सही तरीका चुन सकेंगे। आइए बताते हैं इन तीनों ट्रांजैक्शन में क्या-क्या अंतर हैं। और आपको इन में से पैसे ट्रांसफर करने के लिए सही विकल्प चुनने पर कितना फायदा होगा।

नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (NEFT) – एनईएफटी यानी National Electronic Funds Transfer एक नेशनल लेवल पर सेंट्रलाइज्ड पेमेंट सिस्टम है। जिसका पूरा संचालन भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा किया जाता है। NEFT को यूज करने के लिए आपको इंटरनेट बैंकिंग को यूज करना होगा। इस सुविधा के जरिए आप देशभर में एक बैंक से दूसरे बैंक और एक ब्रांच से दूसरी ब्रांच में पैसे भेज सकते हैं। वहीं NEFT के जरिए भेजें पैसे बेनेफिशरी के अकाउंट में तुरंत क्रेडिट नहीं होते हैं। इसमें तकरीबन आधे घंटे का समय लगता है और बैंक इसके लिए आपसे शुल्क भी ले सकता है।

रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (RTGS) – आरटीजीएस यानी रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट के नाम से ही साफ हो रहा है कि, इसमें पैसे ट्रांसफर करने के साथ ही बेनेफिशरी के अकाउंट में पैसे तुरंत क्रेडिट हो जाते हैं। जिसमें आपको एक मिनट के लिए भी इंतजार नहीं करना होगा। आपको बता दें RTGS की सुविधा 14 दिसंबर 2020 से 24 घंटे पूरे सप्ताह और साल में 365 दिन मिलती है।

हाला की अक्सर लोग इस सुविधा का यूज बड़े फंड को ट्रांसफर करने के लिए करते है। RTGS के जरिए कम से कम आप 2 लाख रुपये और ज्यादा से ज्यादा कितना भी फंड ट्रांसफर कर सकते हैं।

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इमीडियेट मोबाइल पेमेंट सर्विस (IMPS) – IMPS यानी एक इनोवेटिव रीयल टाइम पेमेंट सर्विस है जो आपके लिए 24 घंटे के लिए उपलब्ध है। यह सर्विस नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की तरफ से पेश की जाती है। इससे आप इंटरनेट बैंकिंग की सुविधा का इस्तेमाल कर तुरंत किसी को पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं। इस सर्विस का इस्तेमाल कर आप 1 रुपये से 2 लाख रुपये तक की पेमेंट ट्रांसफर कर सकते हैं। IMPS के जरिए आपकी तरफ से भेजी गई अमाउंट तुरंत बेनेफिशरी के अकाउंट में पहुंच जाती है।