सावधि जमा यानी फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट पर बड़ा अपडेट आया है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की ओर से नियम में बड़ा बदलाव किया है। ताजा नियम के अनुसार अब मैच्योरिटी की डेट पूरी होने के बाद भी आपकी राश‍ि बैंक में जमा रहती है और क्‍लेम नहीं किया जाता है तो आपका ब्‍याज कम मिलेगा। वास्‍तव में फिक्स्ड डिपॉजिट उस राश‍ि को कहा जाता है जिसे निश्‍चि‍त समय के लिए बैंक में जमा किया जाता है। जिसपर बैंक ब्‍याज देता है। अलग-अलग बैंकों में अलग अवध‍ि के लिए अलग ब्‍याज का प्रावधान है।

रिजर्व बैंक के अनुसार अगर आपकी फिक्स्ड डिपॉजिट का समय पूरा हो चुका है और आपने अभी तक अपने रुपयों का क्‍लेम नहीं किया है तो बैंक के पास आपकी रकम पड़ी रहती है तो आपको एफडी नहीं बल्‍कि सेविंग अकाउंट के हिसाब से ब्‍याज मिलेगा। यानी क्‍लेम करना जरूरी होगा वर्ना आपको ज्‍यादा फायदा नहीं होगा।

आरबीआई की ओर से जारी हुआ सर्कूलर : आरबीआई के सर्कूलर के अनुसार फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट की समीक्षा के बाद यह फैसला लिया है कि फिक्स्ड डिपॉजिट मैच्योर हो जाती है और राशि का भुगतान नहीं होता है और क्‍लेम भी नहीं किया जाता है तो सेविंग अकाउंट या फिर एफडी की मैच्योरिटी पर ब्याज की अनुबंधित दर, जो भी कम होगी वो दी जाएगी। आरबीआई का यह फैसला देश के सभी सरकारी और प्राइवेट बैंक, स्मॉल फाइनेंस बैंक, सहकारी बैंक, स्थानीय क्षेत्रीय बैंकों में जमा पर लागू होंगा।

एफडी पर मिलती है लोन की सुविधा : आपको बता दें क‍ि फ‍िक्‍स्‍ड डिपॉजिट पर कई तरह की सुविधाएं दी जाती हैं, जिसमें लोन की सुविधा भी शामिल है। वैसे यह लोन की सुविधा बैंकों पर डिपेंड करती हैं कि आपको कितना लोन देते हैं। कुछ बैंक एफडी का 85 फीसदी तो कुछ 90 से 95 फीसदी तक लोन की सुविधा देते हैं। वहीं कई बैंक एफडी पर स्‍पेशल ऑफर भी करते हैं। जिसके तहत कस्‍टमर्स को हेल्‍थ इंश्‍योरेंस से लेकर लाइफ इंश्‍योरेंस की सुविधा मिलती है।