केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर सामने आ रही है। 26 जून को होने वाली बैठक में महंगाई भत्‍ते के अलावा कर्मचारियों की और भी कई डिमांड पूरी हो सकती है। इस मीटिंग में डीए के अलावा और 10 मुद्दों पर सहमति की बात सामने आ रही हैं। वैसे इस मीटिंग में कुल 29 मुद्दे होंगे, लेकिन 10 मुद्दे ऐसे हैं जिन पर बातचीत के सहमति बनने के आसार दिखाई दे रहे हैं। इस मीटिंग में कैबिनेट सेक्रेटरी अध्यक्षता करेंगे और नेशनल काउंसिल ऑफ जेसीएम , वित्त मंत्रालय के अधिकारी और डीओपीटी के प्रतिनिध‍ि भी शामिल होंगे।

महंगाई भत्‍ते पर होना है फैसला : 26 जून यानी कल के दिन का केंद्रीय कर्मचारियों को बेसब्री से इंतजार है। जिसमें सामने आ जाएगा कि महंगाई भत्‍ता में कितना इजाफा हुआ और कर्मचारियों को कब से दिया जाएगा। जानकारी के अनुसार डीए का भुगतान तीन भागों में किया जाना है। भुगतान किस प्रकार से होगा इसका फैसला मीटिंग में लिया जाएगा। महंगाई भत्ते के 11 फीसदी तक बढ़ने के आसार हैं। जिसके बाद केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में 11 फीसदी तक का इजाफा हो जाएगा। वैसे यह बेसिक सैलरी पर कैल्‍कुलेट होता है।

डीए एरियर पर होगी चर्चा : वहीं दूसरी ओर महंगाई भत्‍ते के एरियर पर भी चर्चा होगी। जेसीएम के सेक्रेटरी (स्टाफ साइड) शिव गोपाल मिश्रा के अनुसार 26 जून की मीटिंग के लिए सभी मुद्दे तय हो गए हैं। 7वें वेतन आयोग के तहत मिल रहे महंगाई भत्‍ते के एरियर का मुद्दा काफी अहम है। 18 महीने से कर्मचारी अपने रुपयों का इंतजार कर रहे हैं। कर्मचारियों की डिमांड है कि उनके एरियर का भी भुगतान होना चाहिए। इसके पेंशनर्स को भी डीआर का एरियर मिलना चाहिए। जानकारी के अनुसार लेवल-1 के कर्मचारियों का डीए एरियर 11,880 रुपए से लेकर 37,554 रुपए के बीच है। वहीं, लेवल-13 या लेवल-14 के कर्मचारियों का डीए एरियर 1,44,200 रुपए से 2,18,200 रुपए तक पहुंच सकता है।

और किेन बातों पर हो सकती है चर्चा : – जो केंद्रीय कर्मचारी सीजीएचएस से बाहर हैं उनके लिए हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम लागू होनी चाहिए।
– जिन शहरों में सीजीएचएच की सुविधा नहीं है वहां पर पेंशनर्स को घरेलू खर्च का रीइम्बर्समेंट मिलना चाहिए।
– हॉस्पिटलाइजेशन के रीइम्बर्समेंट का प्रावधान होना चाहिए।.
– अस्पताल में काम करने वाले कर्मचारियों का हॉस्पिटल पेंशट केयर अलाउंस होना चाहिए।
– कर्मचारियों को मेडिकल एडवांस मिलना चाहिए।
– कर्मचारी की विधवा पत्‍नी को भत्‍ता दिया जाना चाहिए।
– ग्रुप इंश्योरेंस स्कीम का रिवीजन होना काफी जरूरी है।
– महंगाई भत्ते और महंगाई राहत पर लगी रोक हटनी चाहिए।
– 2004 के बाद सरकारी नौकरी में आए लोगों को जनरल प्रोविडेंट फंड की सुविधा मिलनी चाहिए।
– 7वें वेतन आयोग की सभी खामियों को जल्‍द से जल्‍द खत्‍म कर देना चाहिए।