Credit Card: क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल पिछले तीन सालों में काफी ज्यादा बढ़ गया है। इसकी वजह उपभोक्ता खर्च में बढ़ोतरी और डिजिटल पेमेंट का प्रचलित होना है। हालांकि, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के ताजा डेटा के मुताबिक, दिसंबर 2024 को खत्म 12 महीने के पीरियड के दौरान क्रेडिट कार्ड सेगमेंट में एनपीए या कस्टमर्स की तरफ से की चूक की गई राशि भी 28.24 फीसदी से बढ़कर 6,742 करोड़ रुपये हो गई है।

आरबीआई के आंकड़ों से हमें यह बात भी पता चलती है कि दिसंबर 2023 में सकल एनपीए 5,250 करोड़ रुपये से बढ़कर मौजूदा स्तर पर पहुंच गया है। यह इकोनॉमी में मंदी के बीच करीब 1,500 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी है। यह दिसंबर 2024 में कमर्शियल बैंकों के क्रेडिट कार्ड सेगमेंट में 2.92 लाख करोड़ रुपये के ग्रॉस लोन बकाया का 2.3 फीसदी है। वहीं पिछले साल यह 2.53 लाख करोड़ रुपये के क्रेडिट कार्ड बकाया का 2.06 फीसदी था।

बैंक कुल एनपीए को कम करने में कामयाब रहे

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, दिसंबर 2020 तक क्रेडिट कार्ड एनपीए 1,108 करोड़ रुपये से 500 फीसदी से ज्यादा बढ़ गया है। यह सब ऐसे वक्त में हुआ है जब दिसंबर 2023 में कुल सकल एनपीए को 5 लाख करोड़ रुपये से दिसंबर 2024 तक 4.55 लाख करोड़ रुपये तक कम करने में कामयाब रहे हैं। क्रेडिट कार्ड पर ऊंची ब्याज दरें होती हैं। जब ब्याज या मूल किस्त 90 दिनों से ज्यादा समय से बकाया हो, तो लोन अकाउंट एनपीए बन जाता है। जब कोई ग्राहक अपने क्रेडिट कार्ड बिल का पेमेंट बिलिंग साइकिल की देरी से करता है, तो बैंक बकाया राशि पर 42-46 प्रतिशत हर साल ऊंची ब्याज दर लगाते हैं और उसका क्रेडिट स्कोर भी गिर जाता है।

क्या क्रेडिट कार्ड बिल का बोझ हो गया है भारी? 

क्रेडिट कार्ड बिल समय पर नहीं भरने पर ज्यादा ब्याज लेते हैं बैंक

क्रेडिट कार्ड सेगमेंट में ग्राहकों को आकर्षित करने वाली चीजें हैं। इसमें सबसे ज्यादा खर्च पर रिवॉर्ड, लोन ऑफर और लाउंज बेनिफिट शामिल है। एक बैंक अधिकारी ने कहा कि कस्ट्यूमर को यह समझना चाहिए कि अगर वे इंटरेस्ट फ्री पीरियड (interest-free period) से आगे कार्ड बकाया रखते हैं, तो उन्हें कुछ मामलों में 42 फीसदी तक की ब्याज दर चुकानी पड़ती है। यह उन्हें कर्ज के जाल में फंसा देगा। यूज नहीं कर रहे हैं अपना क्रेडिट कार्ड तो हो जाएं सावधान