योग गुरु बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद रुचि सोया कंपनी का मालिकाना हक हासिल करने की कोशिश में जुटी है। ऐसा तब है जब अडानी विल्मर, कंपनी को खरीदने के लिए सफल बोली लगा चुकी है। हालांकि अडानी विल्मर, कंपनी खरीदने का अपना प्रस्ताव वापस ले रही है। पूरे मामले की जानकारी रखने वाले एक शख्स ने बताया कि पंतजलि आयुर्वेद, जिसने कंपनी को खरीदने के लिए दूसरी कामयाब बोली लगाई, ने रूचि सोया के कर्जदाताओं को लिखा है कि वह अभी भी परिसंपत्ति में दिलचस्पी रखती है, अगर वह मानते हैं तो अडानी द्वारा लगाई बोली के प्रस्ताव का मिलान करने को भी तैयार हैं।
यह अपडेट ऐसे समय में आया जब अडानी विल्मर ने एक पत्र में कहा कि वह रुचि सोया को खरीदने का 5,474 करोड़ रुपए ऑफर वापस ले रहा है। इसमें खरीदने की प्रक्रिया में देरी और संपत्ति की कीमत घटने की बात कही गई। पत्र में यह भी कहा गया कि रुचि सोया खरीदना उसके शेयरधारकों को लिए हानिकार है। रुचि सोया पर 9,405 करोड़ रुपए का कर्ज और 1,248 करोड़ रुपए लेनदारों के हैं।
जानना चाहिए कि अडानी विल्मर के 5,474 करोड़ रुपए के ऑफर में 4,300 करोड़ रुपए कर्जदाताओं को दिए जाने थे। इसमें बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद ने रुचि सोया को खरीदने के लिए 5,765 करोड़ रुपए की पेशकश की थी, मगर इसमें कर्जदाताओं को 4,065 करोड़ रुपए की राशि तय की। हालांकि कंपनी और अडानी विल्मर को भेजे का मेल का जवाब रविवार तक नहीं मिल सका।
बता दें कि भारत में रुचि सोया की 38.2 टन ओयल बीज से खाद्य तेल निकालने की क्षमता है। इसके पेराई, पिसाई, रिफाईनिंग, पैकेजिंग के देशभर में 24 के करीब प्लांट हैं। इसके अलावा यह कंपनी सोया उत्पादन के सबसे बड़े निर्माताओं में से एक है। इसके खुद के बहुत से प्रमुख ब्रांड हैं। इसमें न्यूट्रीला, महाकोश, रुचि गोल्ड, रुचि स्टार और सनरिच जैसे ब्रांड शामिल हैं।