केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) कर्मियों को संभव है कि ट्रेन टिकट बुक करने के लिए अब आरक्षण काउंटर नहीं जाना पड़े क्योंकि सरकार पुराने कागजी वारंट व्यवस्था को जल्द ही आनलाइन सुविधा से बदल सकती है। अर्द्धसैनिक बल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि रेलवे बोर्ड ने हाल में इस संबंध में अपनी मंजूरी भेजी है तथा केंद्रीय गृह मंत्रालय आवश्यक ‘वेब सेवा माड्यूल’ विकसित कर रहा है ताकि ई टिकट जारी हो सकें और आगज आधारित रेल वारंट या यात्रा अधिकार को समाप्त किया जा सके।

इस संबंध में एक प्रस्ताव कुछ समय पहले सीएपीएफ सीआरपीएफ, बीएसएफ, आइटीबीपी, सीआइएसएफ और एसएसबी की ओर से लाया गया था ताकि मुश्किल आंतरिक सुरक्षा ड्यूटी में कार्यरत उनके लाखों जवानों को ड्यूटी या छुट्टी के लिए यात्रा करने के लिए बिना किसी परेशानी के टिकट मिल सकें। सीएपीएफ कर्मियों को रेल यात्रा के लिए कागज आधारित अधिकृत स्लिप मिलते हैं, जिसे वारंट कहा जाता है।

उन्होंने कहा, ‘कागजी वारंट पर रेल टिकट लेने में काफी समय लगता है, चूंकि एक कर्मी को यह टिकट बुकिंग खिड़की जाकर कराना पड़ता है इसमें काफी समय लगता है। ई संचार के इस युग में ई..टिकट बुकिंग इन कर्मियों के कल्याण की दिशा में एक अच्छा कदम होगा जिन्हें पूरे देश में कुछ कठिन ड्यूटी में तैनात किया जाता है।’

अधिकारी ने कहा कि बोर्ड ने उन्हें सूचित किया है कि वह रेल यात्रा के लिए वारंट व्यवस्था एक अप्रैल से शुरू होने वाले अगले वित्तीय वर्ष से बंद करना चाहता है। इसलिए गृह मंत्रालय जवान या अधिकारी द्वारा प्रमाणिक प्राधिकार दस्तावेज पेश करके ई टिकट लेने करने के लिए एक नया वेब आधारित प्रणाली तैयार कर रहा है।

इस संबंध में प्रावधान रेल मंत्री सुरेश प्रभु की ओर से 25 फरवरी को पेश किये जाने वाले रेल बजट में किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में साफ्टवेयर लाया जा चुका है और बल कर्मियों को अब रेल टिकट बुक करने के लिए रेल टिकट खिड़की पर नहीं जाना होगा बल्कि वे ये इंटरनेट से ही बुक कर सकेंगे।