पाकिस्तान में पहले से खस्ताहाल अर्थव्यवस्था 9 मई को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के मुखिया पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी और उसके बाद हुई हिंसा के बाद और खराब हो गई। गुरुवार को पाकिस्तानी रुपया अब तक के सबसे नीचे स्तर पर पहुंच गया। इससे वहां महंगाई के और बढ़ने की आशंका को बल मिला है। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये का यह नया निचला स्तर है। गुरुवार को पाकिस्तानी रुपया (PKR) 306 अमेरिकी डॉलर पर खुला और कारोबार के शुरुआती कुछ घंटों के दौरान लगातार नीचे जाता रहा। बाद में 3.3 फीसदी की गिरावट के साथ 300.25 के स्तर पर पहुंच गया।
देश में राजनीतिक उथल-पुथल की वजह से विशेषज्ञों ने इसे अभी और गिरने की आशंका जताई है। उनका कहना है कि देश में सियासी हालात से कारोबार पर बहुत बुरा असर पड़ा है। हिंसा की वजह से कारखानों में कामकाज ठप हो गया। सब्जियों, फलों जैसी रोज पैदा होने वाली चीजों के बाहर नहीं जाने से इसके कारोबारियों को काफी नुकसान झेलना पड़ा। इन सबका असर अगले कुछ दिनों में महंगाई में इजाफा के रूप में दिखेगा।
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति बेहद ख़राब है। बढ़ती महंगाई से आम लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। जनता को राशन तक नहीं मिल पा रहा है। हालत यह है कि सामान के लिए लोग एक-दूसरे से मारपीट तक करते रहते हैं।
20 किलो आटे की कीमत 2500 तक पहुंच गई है। अपनी जरुरतों को पूरा करने के लिए पाकिस्तान चावल और गैस का आयात करता है। गैस भी कर्ज के सहारे मिल रही है। हालांकि इसके लिए पाकिस्तान को भारी कीमत देनी होती है।
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय ने बड़ी राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी को ‘गैर कानूनी’ करार दिया और उन्हें तत्काल रिहा करने का आदेश दिया। इससे पहले शीर्ष अदालत के निर्देश पर खान को उसके समक्ष पेश किया गया। प्रधान न्यायाधीश उमर अता बंदियाल, न्यायमूर्ति मुहम्मद अली मजहर और न्यायमूर्ति अतहर मिनल्लाह की तीन सदस्यीय पीठ ने 70 वर्षीय खान को उसके समक्ष पेश करने का निर्देश जारी किया था।