देश में 2.89 करोड़ आयकरदाताओं में से केवल 14 लाख करदाताओं ने आकलन वर्ष 2012-13 में 10 लाख रुपए से अधिक की आय की घोषणा की और उन्होंने 30 फीसद की उच्च दर से कर का भुगतान किया। आकलन वर्ष 2012-13 के लिए आयकर रिटर्न सांख्यिकी के तहत 14 लाख लोगों या कुल आयकर दाताओं का केवल 4.6 फीसद ने अधिकतम 30 फीसद की दर से कर का भुगतान किया। देश में 2.89 करोड़ करदाता हैं। कुल व्यक्तिगत आयकर संग्रह में 14 लाख लोगों का योगदान 75 फीसद है। राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि आंकड़ा स्पष्ट तौर पर बताता है कि कर दायरा बढ़ाने और उसे व्यापक बनाने की जरूरत है।
विश्लेषण से यह भी पता चलता है कि रिटर्न भरने वाले 2.89 करोड़ करदाताओं में से 1.63 करोड़ (56.4 फीसद) ने कर का भुगतान नहीं किया और 84 लाख करदाता (29.3 फीसद) 10 फीसद कर के दायरे में थे। कुल मिलाकर व्यक्तिगत कर आधार में दोनों खंड का योगदान 85.5 फीसद से अधिक रहा। आंकड़े के अनुसार 2,669 करदाताओं की आय पांच करोड़ रुपए से अधिक थी और कर संग्रह में इनका योगदान 9.6 फीसद रहा।विश्लेषण से यह भी पता चलता है कि 1.51 करोड़ करदाता ऐसे हैं, जिनका कर स्रोत पर कटौती के जरिए कटता है। लेकिन वे रिटर्न नहीं भरते। अगर वे आयकर रिटर्न फाइल करें तो आयकरदाताओं की संख्या 2012-13 में 4.4 करोड़ हो सकती है।
सूत्रों के अनुसार राजस्व विभाग जल्दी ही आकलन वर्ष 2013-14 के लिए ताजा आंकड़ा लाएगा और इसका उपयोग कर आधार व्यापक बनाने में किया जाएगा। आयकर कानून के तहत 2.5 लाख रुपए से कम आय वालों पर कोई कर नहीं लगता। जिनकी आय 2.5 लाख रुपए से पांच लाख रुपए के बीच है, उन पर 10 फीसद, जबकि पांच लाख रुपए से 10 लाख रुपए तक की आय पर 20 फीसद की दर से कर लगता है। दस लाख रुपए से अधिक आय वालों पर 30 फीसद की दर से कर लगता है।