व्यापारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने प्रदूषण नियंत्रण के लिये दिल्ली सरकार के कारों को सम-विषम फार्मूले से चलाने की योजना को दिल्ली के व्यापार के लिये नुकसानदेह बताया है। कैट ने कहा है कि दिल्ली में काम करने वाले ज्यादातर व्यापारी दिल्ली से सटे इलाकों नौएडा, फरीदाबाद, गुड़गांव तथा अन्य जगहों पर रहते हैं और उन्हें साथ में आम तौर पर नकदी लेकर भी चलना पड़ता है। सार्वजनिक परिवहन में नकदी लेकर चलना उनके लिये जोखिम भरा हो सकता है।

कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सम-विषम फार्मूले का जो ब्यौरा जारी किया है उसमें ट्रक-टैंपो को कोई छूट नहीं दी गई है जबकि दिल्ली में लगभग 80 प्रतिशत माल सड़क परिवहन के जरिये ही आता है। इससे दिल्ली की आपूर्ति पर गहरा असर पड़ेगा और वस्तुओं की किल्लत हो जायेगी।

खंडेलवाल ने सुझाव दिया है कि सड़कों पर यातायात का बोझ कम करने और जाम की समस्या से निपटने के लिये सरकार को विभिन्न कामकाज के लिये अलग अलग समय तय करना चाहिये। कुछ कार्यालयों को प्रात: आठ बजे खोला जाये जबकि कुछ दूसरे प्रतिष्ठानों के खुलने का समय नौ बजे और बाकी प्रतिष्ठानों के लिये 10 बजे का समय रखा जा सकता है। इसी के अनुरूप उनके बंद होने का समय भी रखा जा सकता है। इससे यातायात जाम की समस्या कम होगी। उन्होंने बताया कि सिंगापुर में यह तरीका 1975 से सफलतापूर्वक चल रहा है।