NSDL IPO: मोस्ट अवेटेड नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) का इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) आज यानी 30 जुलाई 2025 (बुधवार) को सब्सक्रिप्शन के लिए खुल गया है। 4,011.60 करोड़ रुपये का यह आईपीओ पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल (OFS) है, जिसके तहत 5.01 करोड़ शेयर बाजार में बेचे जाएंगे। इसमें रिटेल निवेशकों के लिए न्यूनतम निवेश राशि 13,680 रुपये रखी गई है, आइए जानते हैं…
एनएसडीएल आईपीओ टाइमलाइन (NSDL IPO Timeline)
एनएसडीएल का आईपीओ आज यानी 30 जुलाई 2025 को सब्सक्रिप्शन के लिए खुल गया है। इस आईपीओ का सब्सक्रिप्शन 1 अगस्त 2025 को बंद होगा। इसके शेयरों का आवंटन 4 अगस्त 2025 को तय किया जाएगा। इसकी संभावित लिस्टिंग डेट 6 अगस्त 2025 बुधवार तय की गई है।
एनएसडीएल आईपीओ प्राइस बैंड (NSDL IPO Price Band)
कंपनी ने अपने शेयरों के लिए प्राइस बैंड 760 से 800 रुपये प्रति शेयर तय किया है।
क्या AY 2025-26 के लिए आईटीआर फाइलिंग की डेडलाइन बढ़ेगी? जानें एक्सपर्ट का क्या कहना है
एनएसडीएल आईपीओ लॉट साइज (NSDL IPO Lot Size)
इसमें एक लॉट में 18 शेयर होंगे और रिटेल निवेशकों के लिए न्यूनतम निवेश राशि 13,680 रुपये रखी गई है।
एनएसडीएल आईपीओ इश्यू स्ट्रक्चर (NSDL IPO Issue Structure)
सार्वजनिक पेशकश का 50% योग्य संस्थागत खरीदारों (qualified institutional buyers), लगभग 35% खुदरा निवेशकों (retail investors) और लगभग 15 फीसदी गैर-संस्थागत निवेशकों (non-institutional investors) के लिए आरक्षित है।
एनएसडीएल आईपीओ जीएमपी (NSDL IPO GMP)
अनलिस्टेड मार्केट में NSDL IPO GMP 126 रुपये है, जो कैप प्राइस की तुलना में 15.7 प्रतिशत अधिक है। पिछले 3-4 दिनों से GMP में गिरावट आई है।
मुफ्त में पता करें अपना सिबिल स्कोर; ये है फोनपे, गूगल पे, पेटीएम ऐप से चेक करने का आसान तरीका
एनएसडीएल आईपीओ का मैनेजर और रजिस्ट्रार (NSDL IPO Manager or Registrar)
एनएसडीएल आईपीओ का बुक-रनिंग लीड मैनेजर आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज लिमिटेड है, जबकि एमयूएफजी इनटाइम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (लिंक इनटाइम) इस इश्यू का रजिस्ट्रार है।
एनएसडीएल का वित्तीय प्रदर्शन (NSDL Financial Performance)
कंपनी का ऑपरेटिंग रेवेन्यू वित्त वर्ष 23 में 1,021.99 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 24 में 1,268.24 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 25 में 1,420.15 करोड़ रुपये हो गया।
एनएसडीएल आईपीओ पूरी तरह ओएफएस होगा
एनएसडीएल आईपीओ पूरी तरह से एक ओएफएस है। इसमें एसबीआई, एनएसई, आईडीबीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक जैसे मौजूदा शेयरधारक अपनी लंबे समय से रखी गई हिस्सेदारी का कुछ हिस्सा बेच रहे हैं।
बड़े संस्थान क्यों बेच रहे हैं अपनी हिस्सेदारी?
आंशिक रूप से रेगुलेटरी वजह से यह लिस्टिंग हो रही है। सेबी के नियमों के मुताबिक, कोई भी शेयरधारक किसी डिपॉजिटरी में 15% से ज्यादा हिस्सेदारी नहीं रख सकता है। मौजूदा समय में आईडीबीआई बैंक (26.1%) और एनएसई (24%) जैसे खिलाड़ी इस सीमा को पार कर रहे हैं और इसके अनुरूप अपनी हिस्सेदारी कम कर रहे हैं।
NSDL के बारे में
साल 2012 में नेशनल सिक्योरिटीज़ डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) की स्थापना हुई थी। यह एक सेबी-रजिस्टर्ड मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टीट्यूशन (MII) है। यह भारत की प्रमुख डिपॉजिटरी संस्थाओं में से एक है, जो फाइनेंशियल मार्केट के लिए अहम सेवाएं प्रदान करती है। कंपनी का मुख्य कार्य एक सिक्योरिटीज़ डिपॉजिटरी के रूप में काम करना है, जो भारत में शेयरों और अन्य वित्तीय प्रतिभूतियों के इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड का रख-रखाव करती है।
[डिस्क्लेमर: ये आर्टिकल केवल जानकारी के लिए है और इसे किसी भी तरह से निवेश सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। Jansatta.com अपने पाठकों और दर्शकों को पैसों से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकारों से सलाह लेने का सुझाव देता है।]