मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। अब जल्द उनके एनपीएस के बकाया का हिसाब राज्य सरकार करने जा रही है। गौरतलब है कि 2005 के बाद आए सेवा में अधिकारियों को एनपीएस की कटौती का लाभ हर साल नहीं मिल रहा था। जैसे ही ये मामला केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय के संज्ञान में आया राज्य सरकार को आदेश जारी कर इसे 4 से 5 दिनों में निपटने का आदेश दिया है। इस फैसले से करीब 4.5 लाख कर्मचारियों को इसका लाभ मिलेगा।
कैसे प्राप्त करें एनपीएस में कटौती का लाभ: एनपीएस में हुई कटौती को जोड़ने के लिए कर्मचारियों सबसे पहले यह देखना होगा कि उनकी सैलरी में से हुई कटौती साल से किस महीने दिख नहीं रही है। उसके बाद वह तुरंत संबंधित अधिकारी को ट्रेजरी अधिकारी से वैरीफाई करवाकर आवेदन दें। जिसके बाद चार से पांच दिन में एनपीएस की बकाया राशि आपके खाते में आ जाएगी।
क्या होगा इसका फायदा?: एनपीएस में सरकार कर्मचारी की सैलरी का 14 फीसदी सरकार और 10 फीसदी स्वयं कर्मचारी योगदान दिया जाता है। इसका फैसले का फायदा यह होगा कि सरकार के द्वारा दिए जाने वाले हिस्से में कर्मचारी योगदान भी जुड़ जाएगा। बता दें, सरकार की तरफ से एनपीएस में 2500 करोड़ और कर्मचारी की तरफ से 1500 करोड़ रुपए योगदान हर साल दिया जाता है। वहीं, पिछले 17 सालों में यह रकम बढ़कर 30 हजार करोड़ रुपए हो गयी है।
उत्तराखंड सरकार ने बढाया सफाई कर्मियों का मानदेय: हाल ही में उत्तराखंड में गठित हुई धामी सरकार ने प्रदेश के शहरी विकास मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले सफाई कर्मियों का मानदेय बढ़ाकर 500 रुपए प्रतिमाह करने का फैसला किया है। उत्तराखंड सरकार के इस फैसले का लाभ राज्य सरकार के करीब 6 हजार सफाई कर्मियों को होंगा। इस फैसले से सरकार के खजाने पर करीब 40 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
उत्तराखंड में सफाई कर्मियों द्वारा मानदेय में एकरूपता लाने की मांग काफी समय से चल रही थी। जिसके लिए जनवरी 2022 में सफाई कर्मियों से मुख्यमंत्री मुलाकात भी की थी। इस फैसले से पहले दैनिक सफाई कर्मचारी को 350, मौहल्ला स्वछता समिति सफाई कर्मचारियों को 275 रूपए और आउट सौर्सिंग सफाई कर्मचारियों को 350 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से मानदेय मिलता था।